लेखक:- गौरव राजमोहन नारायण सिंह
आज जिस पत्र के आलोक में मेरी भावनाओं ने मुझे इस संदेश को लिखने पर मजबूर किया है, उसके बारे में जहां एक तरफ मुझे पीड़ा हो रही है तो दूसरी तरफ गर्व की अनुभूति। आज माननीय उपसभापति, राज्यसभा, श्री हरिवंश नारायण जी का माननीय राष्ट्रपति व उप-राष्ट्रपति जी को लिखा गया वह मार्मिक पत्र विभिन्न संचार-माध्यमों द्वारा जब प्रकाशित हुआ तो मेरी भावनाओं आकस्मिक रूप से प्रतिस्फुटित हो गई। मानवीय संवेदनाओं से संदर्भित इस पत्र में उन्होने गत 20 सितंबर को राज्यसभा की कारवाई में हुई उस अशोभनीय घटना के बारे में बेहद संयम और सहनशीलता के साथ मार्मिक वर्णन किया है।
यह पत्र एक बार पुनः उनके सरल, सहज और सौम्य व्यक्तित्व को दर्शाता है। उनके इस गांधीवादी आचरण और आदर्शों ने राज्यसभा की उस महान उदारवादी परंपरा को भी जीवंत किया है, जो हमारे लोकतंत्र में बसी उस निष्ठा व आस्था को और मज़बूत करने का काम करती है। गत 20 सितंबर को हुई उसी घटना में पूरे देश ने देखा की किस प्रकार पीठ और आसंदी पर कुछ विपक्षी सांसदों ने वो किया जिसकी कल्पना सभ्य समाज में नहीं की जा सकती। देश ने देखा की किस प्रकार की अभ्रद्रता सदन में उप-सभापति और राज्यसभा कर्मचारियों के साथ कुछ सांसदों द्वारा की गई, जिससे पूरा देश शर्मसार है।
लेकिन जेपी और अटल जैसे आदर्शवादियों के अनुयायी श्री हरिवंश ने जिस प्रकार से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के माध्यम से न सिर्फ अपनी आपत्ति, पत्र के माध्यम से जताई बल्कि अपने स्वभाव के अनुरूप उन विपक्ष के प्रदर्शंकारी सांसदों से आज सुबह संसद परिसर में अपने घर से चाय के साथ मिलने भी पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली। यही घटना उनकी सादगी और समवेशी आचरण का प्रतिबिंब है। मुझे खुद इस बात का गर्व है की श्री हरिवंश, जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मेरी यही संकाय के अर्थशास्त्र विभाग के पुरा छात्र है, उन्होने अपने इसी आचरण से महामना के मूल्यों और उद्देश्यों का यथोचित प्रतिनिधित्व किया है।
मैं उनकी सादगी को नमन करता हूं और आपसे आग्रह करता हूं की आप सभी कृपया श्री हरिवंश जी का पत्र पढ़े।
हृदयस्पर्शी ।
ReplyDeleteसहृदय आभार एवं धन्यवाद अमृता जी🌻
Deleteहृदयस्पर्शी सृजन.
ReplyDeleteसहृदय आभार एवं धन्यवाद मीना जी🌻आप हमारे ब्लॉग पर आईं।🌻 सादर प्रणाम!
ReplyDeleteसभी लेख व प्रबंध राष्ट्रवाद से ओतप्रोत हैं, मुझे अध्ययन करने में ख़ुशी होगी, दरअसल आज नव प्रजन्म को इसकी सब से अधिक ज़रूरत है, नमन सह।
ReplyDeleteहा ,बिल्कुल स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌻
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