(तस्वीर का स्रोत :- डूपॉलिटिक्स )
अभी अभी बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुआ है। ईवीएम हैक की शिकायत करने वाली तृणमूल कांग्रेस दल 200 से ज्यादा सीटों के साथ भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई है। पर इतना जोश और उत्साह के साथ उल्लास मनाया जा रहा है इनके कार्यकर्ताओं द्वारा की पूछिए ही मत। लोगो का घर फूंक दिया गया, बीजेपी कार्यालाओ पर तोड़ फोड़ आगजनी देखने को मिली है। भाजपा के समर्थको की हत्या, महिलाओं के रेप की खबरे आ रही है, इतना ही नही बूढ़ी औरतों को घसीट के मार जा रहा है टीएमसी के गुंडों द्वारा और बंगाल प्रशासन मौन पड़ी हुई है। हिंसा की तस्वीरे ऐसी की झकझोर कर रख दे। मानव अधिकार संस्थाएं और तथकथित गांधीवादी, लिबरल समाज के लोग नजर नही आ रहे है। कभी-कभी तो लगता हैं की आतंकियों को फांसी पर लटकाना और जिहादियों का कश्मीर में सेना द्वारा एनकाउंटर ही लोकतंत्र की हत्या है! क्रांतिकारी पत्रकार ऐसे शोर मचाकर रोते है की आतंकी का बाप पूछ बैठता है बेगम लौंडा मेरा मरा है या इनका?
कहा गए जीत की बधाई देने वाले वो तथकतिथ राजनेता जो बड़ा खुश हो रहे थे की भाजपा हार गई। भाजपा की हार जश्न मनाने वाले ममता से क्या सवाल करेंगे हिंसा को लेकर? जिनका अस्तित्व ही नहीं बचा है वो भी भाजपा के हारने पर हंस रहे थे पर हिंसा पर चुप्पी साध ली है इन लोगो ने मानो कुछ हुआ ही नहीं है। इन मूर्खो को पता होना चाहिए कि भाजपा की सरकार भले ना बनी हो पर एक मजबूत विपक्ष बनकर खड़ा हुआ है! कही ममता नंदीग्राम से हार गई है उसका बदला तो नही उतारा जा रहा है सोचने वाली बात है ये महिला कहा तक गिरेगी।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि इलेक्शन के बाद 24 घंटे में बंगाल में 9 बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान गई है। वहीं, एक अन्य दावे में 6 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। इन बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम भी सार्वजनिक किए गए हैं। इनमें जगद्दल से शोवा रानी मंडल, राणाघाट से उत्तम घोष, बेलाघाट से अभिजीत सरकार, सोनारपुर दक्षिण से होरोम अधिकारी, सीतलकुची से मोमिक मोइत्रा और बोलपुर से गौरब सरकार शामिल हैं।
मौन कब तक साधा जाए ? चुप आखिरकार कब तक रहा जाए? घरों में घुसकर महिला इज्जत उतारी जा रही है और बूढ़े लोगों को लात मारी जा रही है। क्या नया बांग्लादेश बनाने की बारी है? हाय रे ! हिंदुओ की कैसी लाचारी है अपने ही घर में अपने ही लोगों के मौत का तमाशा जारी है।
कई जगहों पर मंदिरो को तोड़ा गया है और हिंदुओ को निशाना बनाया जा रहा है। हिंदू पलायन करने को मजबूर हो गया है।बंगाल में चुनाव नतीजों के आते ही राजनीतिक गुंडों का आतंक चारों ओर नजर आ रहा है। ये राजनीतिक गुंडे सिर्फ भाजपा कार्यालय और कार्यकर्ताओं के घरों को ही राख नहीं कर रहे, बल्कि हिन्दू मंदिरों, उनकी दुकानों और महिलाओं को भी हिंसा का शिकार बना रहे हैं। देखा जाय तो हत्या का नंगा नाच हो रहा है।
यकीन मानिए अब बंगाल राजनीतिक और सांस्कृतिक दोनो तरह से कंगाल हो चुका है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की धरती अब जिन्ना के नाजायज औलादों के भेंट चढ़ गई है। पहले वामपंथियों ने बंगाल को लहूलुहान किया फिर ममता बनर्जी आ आई उसने तो रक्त की नदी ही बहा दी है। देखने वाली बात हैं की केंद्र में भाजपा की सरकार है प्रधामंत्री मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह इसपर क्या एक्शन लेते है? अब शांति - वांति से लोगो का पेट भर गया है! घर में घुसकर खुलेआम हत्या करने वालो का सफाया करना जरूरी हो गया है। अभी जिन्हे मासूम जनता पर अत्याचार नही दिख रहा है तो वो चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाय ! बंगाल पुलिस मौन खड़ी ये सब देख रही है तो हिंदू संगठनों को एक होकर मोर्चा अपने हाथ में लेना ही होगा।
कुछ प्रासंगिक प्रश्नों को उठाया है आपने शिवम् जी।
ReplyDeleteजी हा,उठाना जरूरी हो गया है।
Deleteसहमत |हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteजी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌻
Deleteअच्छा लेख है।
ReplyDeleteआपका बहुत आभार आलोक जी।
Deleteआक्रोशित करता आलेख ।
ReplyDeleteजी हा, अपने ही देश हिन्दू सुरक्षित नही रहेगा तो कहा जायेगा। दलित और आदिवासीयो के नाम राजनीति करने वाले को लोगो को इनका पलायन नहीं दिख रहा है दिखेगा कैसे है तो ये भी हिन्दू ही..हर जगह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति चलती है..
Deleteसुंदर लेख
ReplyDeleteधन्यवाद मनोज जी।
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