मदरसों में क्या कम धूमगजड़ मची है वहा तो आए दिन खबर निकलती है की 45 साल मौलवी ने 12 साल के बच्चे या बच्चियों का रेप किया। यह कैसी मजहबी शिक्षा दी जा रही है मदरसो में जहा ये हैवान मासूमों की जिंदगी बर्बाद कर रहे है। यहां कोई लिबरल क्रांतकारी पत्रकार क्यों नही दिख रहे है ? क्यों नही इनकी सच्चाई दुनिया के सामने ला रहे है? वैसे देखा जाय तो मदरसों में बम बनाने ट्रेनिंग दी जाती है। सांप्रदायिक शिक्षा के नाम पर देशभर में संचालित मदरसे केवल अपनी कट्टरवादी तालीम के लिए ही बदनाम नहीं है, बल्कि हिंसक गतिविधियों एवं विस्फोटक सामग्री के भंडारण केंद्र होने के आरोप पहले भी मदरसों पर लगते रहे हैं। खबरों में सत्य तो दिख ही जाता है जब बम बनाते हुए मदरसे में ब्लास्ट हो जाता है जिसकी गूंज सबको सुनाई और चीथड़ो में पड़ी जिहादियो की लाश दिखाई देती है और । इन अवैध प्रयोगशालाओं के ऊपर जितना जल्दी हो प्रतिबंध लगा देना चाहिए सरकार को नही तो ये इसी तरह की आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहेंगे।
वहा कश्मीर में बैठा अब्दुल गजवा ए हिन्द की साजिश रचता है। रेहड़ी लगाने वाला अब्दुल खुद को बॉम्ब से उड़ा देने का
दम भरता है क्योंकि उसे यकीन है कि मरने के बाद जन्नत नसीब होगी और बहत्तर हूरो से मुलाकात। अब्दुल का लड़का भी इसी नक्शे कदम पर चलता है और इनका जो लीडर होता है वातानुकूलित कमरे में बैठकर मजा लेते है। इनके बच्चे विदेश घूमते है और अब्दुल का लड़का सड़क पर पंचर ही बनाता है जिन्दगी भर जबतक उसे आका का फरमान ना आ जाय की कुर्बनी देनी है। अब्दुल जिहाद करता है उसके जीवन का एक ही मकसद है सिर्फ जिहाद और जिहाद! कहा जाता है की आतंकवाद का कोई धर्म या मजहब नहीं होता है तो फिर आंतकियो को मरने के बाद दफनाया क्यों जाता है ? क्या इनको समुद्र में नही फेंक देना चाहिए ताकि ये जलजीवो का निवाला बन सके !
जब से अनुच्छेद 370 और 35A निष्क्रिय हुआ है जम्मू कश्मीर में तब से कुछ लोगो का दुकान ही बंद हो गया है। ऐसा लग रहा है कि भूखों मर रहे है और कोई पानी तक ना दे रहा है इनको। कुछ दो कौड़ी के नेता 370 को वापस लागू करने की बात करते है जिसकी जितनी कड़ी भर्त्सना की जाए कम है। सिर्फ निंदा करने से कुछ नही होगा इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । कुछ तो ऐसे है जो चीन की मदद से 370 की बहाली की बात कर रहे थे क्या ऐसे लोगो का मुंह नही तोड़ देना चाहिए? कुछ रद्दी लोग 370 को रद्द करने से नाराज है और पाकिस्तान से बात करने की बाते करते है। इनकी छटपटाहट साफ देखी जा सकती है जो लूट मचाकर रखा था इन लोगो सब बंद हो गया। पत्थरबाजी और आगजनी कश्मीर में खुलेआम होती थी सुरक्षा बलो पर और हाथ में राइफल होते हुए भी जवान पत्थर का जवाब गोली से नहीं दे सकता था। पत्थरबाजो को भटका हुआ नौजवान कहा जाता था जो पैसे लेकर ये सब करते थे। जब से 370 हटा है इन पत्थरबाज जिहादियों नामो निशान मिट गया है।तथाकथित लेफ्ट विंग मीडिया ,पत्रकार और विपक्ष के नेताओ ने कोई कसर नही छोड़ी है भारत और भारतीय सेना को बदनाम करने में। क्या-क्या आरोप नही लगा सुरक्षा बलो और सेना के जवानों पर कोई हत्यारा कहता तो कोई बलात्कारी। चुल्लू भर पानी डूब मरना चाहिए ऐसे नीच लोगो को जो देश के रक्षकों के ऊपर सवाल उठाते रहे है ऐसे लोगो के जीने का कोई अधिकार नही है।
सांप फुफकार रहा है तो उसके फन कुचल देना चाहिए वरना ऐसा विष फैलेगा की सांस लेने का भी वक्त नही मिलेगा और प्राण पखेरू उड़ जायेंगे। जैसे तो तैसा करने में ही भलाई है। बहुत हो चुकी है शांति और अमन की आशा वाली बाते। जो बोली से नही सुधरेगा उसे गोली से जवाब से देना चाहिए।
शानदार लेख।
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद।
Deleteकट्टरवादिता और आतंकवाद इंसानियत के लिए जहर है।
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने।🌼
Deleteमैं विश्वमोहन जी के मत से सहमत हूँ,आपके लेख के मूल संदर्भ पर विस्तृत विमर्श होना हाई चाहिए।
ReplyDeleteआपका बहुत आभार जिज्ञासा जी।
Deleteबात आपकी बिलकुल सही है | पर संकीर्ण भावनाओं धर्मवाद जातिवाद से कभी भी किसी समाज का विकास नहीं हो सकता हाँ नित नई समस्यायें अवश्य खड़ी हो सकती हैं |
ReplyDeleteआपका बहुत आभार आलोक जी टिप्पणी करने के लिए। सही कहा आपने जातिवाद से किसी का भला नही होने वाला है पर बात यह है कि यहां मजहब के नाम पर खूनी खेला जा रहा है।
Deleteआपके बात से मैं सहमत हूँ आलोक सर, आपने बिल्कुल सही कहा धर्म और जातिवाद से कभी भी किसी समाज का विकास नहीं हो सकता! धर्मवाद और जातिवाद की जननी रूढ़िवादी विचारधारा है! धर्मवाद करने से सिर्फ़ मुसिबते ही खड़ी होती हैं! ये इंसानियत धर्म के लिए जहर है जो इंसानियत को मृत्यु शैय्या पर सुला कर एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति का शोषण करने के लिए सिर्फ इसलिए उकसाती है कि वो किसी अन्य धर्म का है! जोकि अत्यंत चिंताजनक है!
Deleteऔर भगत सिंह की क्रांति का पहला उद्देश्य था कि-
"व्यक्ति द्वारा व्यक्ति का शोषण ना हो! " और धर्म, जाति के लिए तो कदाचित नहीं।
जिस विचारधारा की भगत सिंह ने कडे़ शब्दों में अलोचना की थी ,और जिसके लिए उन्होने लाला लाजपत राय तक को नहीं बख्शा था । हिन्दुत्ववादी रूझान के कारण भगत सिंह ने उनकी कड़े शब्दो में तीखी अलोचना की थी । ये दुर्भाग्य ही है,कि आज की युवा पीढ़ी वही कर रही है ।
हिन्दुत्ववादी रूझान से ज्यादा खतरनाक उदारवादी हो जाना था लालाजी का जिसपर "किरती" की संपादकीय टिप्प्णी छपी थी जिसमे हिंदुओ की रक्षा को लेकर उनकी निंदा की गई है। जिसमे लिखा हैं "जब हिन्दू मारे जाने लगे तो आपने प्रथम श्रेणी के गद्दों पर बैठकर यूरोप चले जाना ही श्रेयस्कर समझा। आपने लाहौर के हिंदुओ की इस संकट में मदद करने से असमर्थता प्रकट की।" इसपर भगत सिंह का पूरा लेख मैं जल्द ही ब्लॉग पर प्रकाशित करूंगा।
Deleteहिंदुत्ववादी होना कही से भी गलत नही है। सामने से क्रिया होती है तभी प्रतिक्रिया होती है। "आज की युवा पीढ़ी" की जो बात कर रही है न फैक्ट चेक करिएगा सब के सब इस्लामिक जिहादी ही निकलेंगे...
बाकी अटल जी के शब्दों में_
कब बतलाए काबुल में जा कर कितनी मस्जिद तोड़ीं?
भूभाग नहीं, शत-शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय।
हिन्दू तन-मन, हिन्दू जीवन, रग-रग हिन्दू मेरा परिचय!
वो अलग बात है की काबुल अफगानिस्तान में आता है और जिसे लोग अफगानिस्तान के नाम से जानते है वो "अखंड भारत" का अभिन्न अंग है।
जबरदस्त लेख!🔥
ReplyDeleteधन्यवाद रितेश जी।🌼
Deleteबहुत ही शानदार लेख कटु सत्य है
ReplyDeleteआपका बहुत आभार राजपुरोहित जी।🌼
Deleteसामयिक व बहुत ही प्रभावशाली लेख के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन, जिस तरह से गुप्त रूप से इस्लामीकरण की ओर देश बढ़ रहा हैं उसे देख कर प्रत्येक हिन्दू को भविष्य के बारे में हर हाल में सजग होना पड़ेगा वरना अपने ही देश में शरणार्थी बन कर जीना होगा, ये व्यक्तव्य जितना कटु क्यों न हो वास्तविकता को दर्शाता है।
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार शांतनुजी। वही तो शांतनुजी वरना जो कश्मीर में हुआ वो पूरे भारत में होते देर नहीं लगेगी।
Deleteसार्थक आलेख ...
ReplyDeleteआज की ज़रुरत है ये ... सजग रहना होगा ...
आज कम से कम जानकारी निकल के आ रही है ये बहुत ही अच्छा है जागृति भी ऐसे ही आएगी ...
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार दिगम्बर जी। हिंदू जागे तो एक बार 800 साल में सत्ता हिन्दू स्वाभिमानियो के हाथ पहली बार...🌻
Deleteजब जब जातियों में, क्षेत्रवाद, भाषावाद में हिन्दू बटेगा तब तब वह कटेगा, वह कटेगा अपने मातृभूमि से, वह कटेगा अपनी मातृभाषा से, वह कटेगा अपने संस्कारों से, वह कटेगा अपने परम्पराओं से और जब वह हर तरफ से कट जाएगा तो वह अपना अस्तित्व खो देगा और उसके साथ ही खो देगा अपने अधिकारों को इस देश में समाज में और एक दिन दुनिया में यही वजह है कि हाल के दिनों में इस्लाम अपनी जमीन मजबूत और हिन्दू अपनी जमीन कमजोर करता जा रहा है...
ReplyDeleteसहमत हू कृष्णाजी आपसे। बिल्कुल सही कहा आपने। जातियों में विभाजित राष्ट्र और संस्कृति को भुला देने वाले वहा की जनता कभी भी सर उठाकर नही जी सकते है। सेकुलर का ढोंग रचने वालों का सफाया होना बेहद जरूरी है। बाकी अटल जी ने कहा था "परंपरा का प्रवाह है कभी न खण्डित होगा, मां का मस्तक पुत्रो के बल पर ही मंडित होगा।"🌻
Deleteशानदार लेख शिवम जी
ReplyDeleteआपका बहुत आभार रजतजी।
Deleteपांडे जी कितना अर्थ का अनर्थ किया है कुछ स्वनाम धन्य क़ुरआन शरीफ और कुरआन मज़ीद के आलमी टिप्पणीकारों ने सेकुलर और जेहाद तथा जेहादी इन शब्दों ने -जबकि जेहाद अपने अंदर की बुराइयों से करने की बात आई है ,सेकुलर का अर्थ धर्म और धार्मिक क्रिया कलापों से राज्य की पूर्ण अलहदगी रहा है।
ReplyDeleteपूछा जाना चाहिए तमाम तालिबानों से अलक़ायदियों इस्लामिक स्टेट के पैरोकारों से उनके भारतीय हिमायतियों से ,स्लीपर सेल्स के स्पोंसर्स से जब इस्लाम में पुनरजन्म का ज़िक्र ही नहीं है फिर ज़न्नत में हूरें किसे परोसी जाएंगी। और लव किसी जेहाद का चर्चा नहीं है प्रेम कुर्बानी चाहता है समर्पण अहम विसर्जन का नाम प्रेम है। जहां सिर्फ सर्वस्य देना है ,खुद की सुपुर्दगी प्रेम है।
बिलकुल सही कहा आपने वीरेंद्रजी। पर सबकुछ हो रहा जिहाद के नाम पर। "लव जिहाद" में तो लड़कियों की लाशे सूटकेस में मिलती है...!
Deleteभारत में अगर इस्लामी चरमपंथियों को रोकना हैं तो सबसे पहले हमें अपने इतिहास से हर उस गलती पर बोलना शुरू करना होगा जो 712 से हमारी संस्कृति का विनाश करती आई हैं। इतिहास का गलत चित्रण सुधारना बेहद ज़रूरी हैं, जिस सारे जहां से अच्छा की नगमें हम गाते हैं उसके बारे में जाना जरूरी है की आख़िर इक़बाल ने असल में लिखा क्या था और आज हमें वो बताया क्या जाता है। हमें ये भी जाना होगा की जिनके नाम पर आज जो सड़के हैं, शहर हैं, उन्होंने कितने मंदिर तोड़े, सहस्त्रों माताओं की इज़्ज़त लूटी, लोगों को धर्मांतरित करवाया। जिन आक्रांताओं की तरफ़दारी में किताबें लिखी हैं उनके कारनामें कितने स्याह और खून से लाल थे। ये सब इस बात को कभी नहीं मानेगें क्योंकि इस तथाकथित डारे हुए समाज की सबसे बड़ी समस्या ही, इनकी पहचान न होना हैं या यूँ कहें तो ये जानते तो हैं मगर मानते नहीं की 712 से पहले इनकी नस्लें हिन्दू थी। इसके लिए वामपंथी चाटूकारों व प्रातःस्मरणीय श्री पत्तलकार गिरोहों की 24×7 तथ्यात्मक धुलाई ज़रूरी हैं। भक्तों की भक्ति और इनकी वैचारिक कुटाई तब तक करना होगा जब की यह भी हाट्सएप यूनिवर्सिटी के एक अनुशासित छात्रों के रूप में प्रवेश लेकर यह दीक्षित हो। इनकी वैचारिक शुद्धि जरूरी हैं क्योंकि ये वही हैं, जो इन चरमपंथी नौटंकीबाजों को 'इंटेलेक्चुअल कवरिंग फायर' देने का काम करते हैं।
ReplyDeleteआज भी इंडोनेशिया जैसा देश जो जनंसख्या के आधार पर सबसे बड़ा मुस्लिम राष्ट्र हैं, वहां रामायण का पाठ और बच्चों व लोगों का निवासियी नाम होना दिखाता हैं, की उनका धर्म भले ही इस्लाम हो मगर वो अपनी हिन्दू संस्कृति नहीं भूले हैं। ये सिर्फ हिंदुस्तान और पाकिस्तान के ही मुसलमान हैं जो अपने इतिहास से पीछे भागने का प्रयास करते हैं और कभी तुर्कों तो कभी अरबियों से अपना जीवन जोड़ते हैं। देवबंदी और बरेलवी मुल्लाओं की आसमानी किताब की व्याख्या ने समाज में विघटन और द्वेष ही पैदा किया हैं। ऐसे मुल्लाओं को बेनकाब करना होगा और इनसे सवाल करना होगा, जो इस्लाम के नाम पर चरमपंथी लहसुन बाग बना रहे हैं। हमें इस खतरे से सतर्क रहना हैं, और ऐसा प्रयास करनेवालों की जमकर ठुकाई भी करनी है।
वाह गौरव भाई आपने तो बखिया उधेड़ दी। बिल्कुल सही लिखा है। माताओं बहनों की इज्जत लूटने वालों को शिक्षण संस्थानों में बैठे तथाकथित वामपंथी इतिहासकारों ने महान बता दिया ऐसे लोगो का वैचारिक रूप से बहिष्कार या कुटाई बहुत जरूरी हो गया है।
Deleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार गौरव भाई महत्वपूर्ण टिप्पणी करने के लिएं।
लव जिहाद जहर है किसी का भी धर्मांतरण शादी के लिए नहीं किया जाना चाहिए ! जो जिस धर्म का है उसे उसी धर्म को मानने की पूरी आजादी होनी चाहिए शादी विवाह के बाद भी! और प्यार के नाम पर धर्म का व्यापार करना बहुत ही घातक है इसमें किसी इंसान का सिर्फ धर्मांतरण ही नहीं होता बल्कि उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ होता है और किसी के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना कानूनन अपराध है! सरकार ने तो कदम उठायें ही हैं लव जिहाद के ख़िलाफ़ लेकिन हम सभी की जिम्मेदारी है कि हमें अपने आप को जागरूक और सतर्क रखना कि कोई हमारा इस्तेमाल ना कर सके अपने किसी प्रोपेगेंडा के लिए! अच्छा लेख 👍👍
ReplyDeleteसतर्कता में ही समझदारी है क्योंकि आदिल आदित्य बनकर प्रपंच रचता है....!
Deleteआपकी पोस्ट भी बहुत अच्छी है और पोस्ट पर आए कॉमेंट भी बहुत बढ़िया है। आतंकवाद संपूर्ण मानवजाति के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसका ध्यान हमें रखना होगा।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार वीरेंद्रजी। आज बहुत दिनों के बाद😅 आपको देखकर बहुत बढ़िया लगा। स्वागत है आपका 🌼🌻
Deleteहृदय दहलाने वाली पोस्ट, कितने कुत्सित सत्य उजागर कर रहे हैं, चिंतन परक लेख।
ReplyDeleteसाधुवाद।
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार कुसुम जी। स्वागत है आपका ब्लॉग पर🌼🌻
Deleteशानदार लेख।🔥
ReplyDeleteबिल्कुल सही लिखा है आपने। इन जिहादी कट्टरपंथियों का तो इलाज होना ही चाहिए। मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति पूरी तरहसे बंद हो , कुछ लोग तों इतना नीचे गिर गए है की आतंकियों पर हुई करवाई पर सवाल खड़ा कर देते है ये कहते हुए कि यूपी police भरोसे के लायक़ नही...;
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार ओमी जी। ये लोग जो नीचता पर उतारू है एक दिन दो गज जमीन अंदर चलें जाएंगे इनको पता भी नही चलेगा।🌼
Deleteआपका बहुत आभार अंकुर जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌻🙏
ReplyDeleteNice Article..!
ReplyDeleteThank You!
DeleteJwalant lekh..!
ReplyDeleteBahut sahi likhe ho..
आपका बहुत आभार राजेश जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌼🙏
Deleteजबरदस्त लेख।
ReplyDeleteबिल्कुल सत्य लिखा है आपने
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार सोमेश्वर जी।स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteवाह,बहुत बढ़िया👌
ReplyDeleteइनको चुन चुनकर ठोकना चाहिए।
आपका बहुत आभार संदीप जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌼♥️
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