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Monday, November 15, 2021

प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में जनजाति के हितों का संरक्षण

लेखक:- शिवराज सिंह चौहान

स्वाधीनता के लिए जनजातीय संघर्ष के महानायक भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। भगवान बिरसा मुंडा गरीबों के सच्चे भगवान थे। उन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए प्रयास हम सभी को सदैव प्रेरित करते हैं। बिरसा मुंडा ने अपने सुधारवादी आंदोलनों से लोगों के लिए आदर्श प्रस्तुत किया। भगवान बिरसा मुंडा ने नैतिक आत्म-सुधार ,आचरण की शुद्धता और एकेश्वरवाद का उपदेश दिया। ऐसे  ही क्रांतिवीर नायक का स्मरण करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने आज  दिन जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला लिया है। मुझे बेहद खुशी है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने 15 नवंबर को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसके के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जनजातीय लोगों के विकास को लेकर कितने संवेदनशील है, इसका आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए जनजातीय भाई-बहनो के विकास से जुड़े कई  अहम फैसले लिए। कई मुश्किलें आई, लेकिन राज्य ने नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इन तमाम मुश्किलों को अवसर में बदल दिया। मोदी जी कहते हैं कि विकास की गति को तेज करने का हमारा  दृढ़ संकल्प है, ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी इस विकास यात्रा का सक्रिय भागीदार बन सके। उन्हीं के नेतृत्व में राज्य ने जनजातीय समुदाय के विकास के नवीन आयामों को छुआ। गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी जी ने आदिवासी समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए वर्ष 2007 में 10 सूत्रीय वनबंधु योजना शुरू की। इसमें वनवासी बच्चों के उच्च शिक्षा, आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं, पीने का शुद्ध जल, सिंचाई सहित स्थानीय स्तर पर रोजगार से जुड़ी योजनाओं का सीधा लाभ जनजाति लोगों को मिला। संकलित डेयरी विकास योजना के तहत 1 लाख 42 हजार लोगों को दुधारू पशु दिए गए। यही नहीं, राज्य की साक्षरता दर को 45.7% से बढ़ाकर 62.5% पहुंचाया। दूध संजीवनी योजना के तहत 11 लाख छात्रों को पोस्टिक तो दूध दिया गया। सिकल सेल के लिए एक करोड़ से अधिक जनजाति लोगों की स्क्रीनिंग कर उन्हें स्वस्थ बनाया। आवासीय योजना से 6 लाख 30 हजार लोगों के घर का सपना पूरा किया।

जनजातीय लोगों की विकास कार्य कार्य गुजरात तक ही सीमित नहीं रहा। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जी ने इस प्रक्रिया को सतत जारी रखा। आज भारत दुनिया के बड़े जनजाति समाज के विकास के इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। 11 करोड़ से अधिक जनजाति समाज के हितों को संरक्षण प्रदान करने का कार्य नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए वनबंधु कल्याण योजना, आदिवासी शिक्षा ऋण योजना,सावधि ऋण योजना, आदिवासी महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूह के लिए सूक्ष्म ऋण योजना, एकलव्य मॉडल आवासीय विकास जैसी कई योजनाएं शुरू की। जिनका सीधा लाभ जनजाति वर्ग को मिल रहा है। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि पूरे जनजातीय समाज की जल, जंगल और जमीन पर आंच नहीं आएगी। आज जनजाति समाज स्वयं को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर रहा है। जनजाति समाज जितना मजबूत होगा, देश उतना ही मजबूत बनेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश विकास की नई करवट ले रहा है। प्रधानमंत्री जी के संकल्प 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' से ही प्रेरित है प्रदेश की जनजाति विकास और कल्याण की योजनाएं। जनजाति समाज के चहुंमुखी विकास, स्थान और मान-सम्मान की रक्षा के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं। पिछले 17 वर्षों से हमने जनजातीय समाज को बराबर के अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। वर्ष 2003-04 में जनजातियों के विकास के लिए महज 746.60 करोड़ रुपए का बजट था, जिसे हमने बढ़ाकर 8085.99 करोड़ तक पहुंचाया।
पं. दीनदयाल उपाध्याय जी कहते थे  दरिद्र ही हमारा नारायण है और उसकी सेवा ही हमारी पूजा, उनके इस विचार  से हमको  प्रेरणा मिलती है।  हमने जनजातीय क्षेत्रों में 24 घंटे  घरेलू बिजली और 10 घंटे कृषि कार्यों के लिए बिजली देने का इंतजाम किया। यही नहीं, जल जीवन मिशन के माध्यम से वनवासी अंचलों  के अलावा पूरे प्रदेश में पीने का शुद्ध पानी हर घर में नल से प्रदान किया जा रहा है। पिछले  17 वर्षों में 2 लाख किलोमीटर से अधिक सड़को का जाल बिछाया गया है। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम 2020 लागू किया गया है जो आज से (15 नवंबर 2021) से पूरे प्रदेश में प्रभावशील होगा। प्रदेश सरकार ने जनजातीय समाज को उनकी उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए  समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। तेंदूपत्ता बेचने का कार्य जनजातियों की वन समिति द्वारा किया जायेगा। तेंदूपत्ता संग्रहित करने वाली जनजातियों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चरण पादुकाएं प्रदान की जा रही है।

वनवासी अंचलों का तेजी से विस्तार करना मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। पिछले चार वर्षो में मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना से 5 हजार 500 से अधिक जनजातीय छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए हैं। शैक्षणिक  सत्र 2020-21 एवं 2021-22 में 27 नए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का निर्माण किए जाने की योजना है। 1 वर्ष के भीतर बैकलॉग के पदों को भरने की योजना है। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय किया गया। वनवासी अंचल  की संस्कृति आनंद की संस्कृति है। इसीलिए हमने फैसला किया है कि हर वर्ष झाबुआ उत्सव मनाया जायेगा।
ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देने के लिए पेसा एक्ट लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।  वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत 34 हजार परिवारों के दावे मान्य किए गए। स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सके इसके लिए देवाण्य योजना शुरू की गई। जनजाति लोगों को सिकल सेल एनीमिया बीमारी से बचाव के लिए नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके लिए आज से सिकल सेल मिशन शुरू किया जाएगा। राशन आपके द्वार योजना से जनजातीय  भाई-बहनों को अब राशन लेने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा। इन दोनों ही योजनाओं का शुभारंभ आज माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी करने जा रहे हैं।
मैं दोनो बाहें फैलाकर जनजातीय समाज का आह्वान करता हु की वे अपनी जिंदगी बदले। विकास की दौड़ में जो पीछे और नीचे रह गए है उन्हें आगे लाने के लिए मैं  सब कुछ करूंगा। जनजातीय समुदाय जितना सशक्त होगा, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश निमार्ण की हमारी संकल्पना उतना ही मजबूत होगी। जनजातीय समुदाय के विकास के लिए मैं और मेरी सरकार समर्पित थे, समर्पित है और हमेशा समर्पित रहेंगे।

(लेखक मध्यप्रदेश के  मुख्यमंत्री है।  प्रस्तुत लेख राष्ट्रीय सहारा में छपा था जिसे राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर प्रकाशित किया गया है।)

11 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (17-11-2021) को चर्चा मंच        "मौसम के हैं ढंग निराले"    (चर्चा अंक-4251)     पर भी होगी!--सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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     हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   
    'मयंक'

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    1. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी।🌻🙏

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  2. बहुत बढ़िया जानकारी भरा आलेख ।

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    1. आपका बहुत आभार जिज्ञासा जी।
      🌻🙏

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  3. महत्वपूर्ण जानकारी

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  4. महत्वपूर्ण जानकारी से भरा सुन्दर लेख

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  5. बहुत खूब संकलन

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    1. आपका बहुत धन्यवाद रवि जी। स्वागत है आपका ब्लॉग पर।

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  6. अच्छी जानकारी, अच्छा आलेख ... इतिहास को अपनी जगह मिलना बहुत ज़रूरी है आज ...

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