फेक न्यूज़ बड़ी खतरनाक होती है इससे बच के रहे उतना ही अच्छा है । किसी भी खबर को हवा देने पहले तथ्यों को जांच परख ले की ये खबर सत्य है या असत्य ये नहीं कि आप उसपे आंख मूंद के भरोसा करले और सोशल मीडिया के माध्यम से चारो और अनजाने में फेक न्यूज फैलाने का काम करे। सब जानते है किसके क्या विचार है?फिर भी आए दिन बड़े बड़े स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों के विचारों को तरोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। ये और कुछ नहीं एक एजेंडा चल रहा है लोगो को भ्रमित करने के लिए कि लोग हमारे विचारधारा को अपना ले और उसी मार्ग पर चले परंतु आप सतर्क और सावधान रहे ऐसे संकीर्ण मानसिकता वालो से इसी में आपकी और समाज की भलाई है।
एक फेक न्यूज तो महाभारत में भी उड़ी थी कि अश्वत्थामा मर गया बिना देखे ताके आचार्य द्रोण ने अपने “प्रण” रक्षा हेतु शस्त्र त्याग कर मौन होकर बैठ गए और धृष्टद्युम्न द्वारा उनका शीश काट कर वध कर दिया जबकि मरा उनका पुत्र अश्वत्थामा नहीं “हाथी अश्वत्थामा”(जो भीम द्वारा मारा गया था) था ये मिथ्या को को सत्य मान बैठे आखिर में खबर ही ऐसे पेश कि गई थी धर्मराज युधिष्ठिर द्वारा “अश्वत्थामा हतो। नरो वा कुंजरो।।” द्रोण ने “अश्वत्थामा हतो” सुना पर “नरो वा कुंजरो” सुना ही नहीं क्योंकि धीमे स्वर में कहा गया था। भारत में डिजिटल इंडिया तो चला पर इसके साथ साथ ” फेक न्यूज एजेंडा” भी चला इसको रोकने की सख्त जरूरत है। सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए तमाम न्यूज चैनलों पर कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर जो भ्रम और झूठी खबरें लोगो को परोसी गई इससे कोई अनिभिज्ञ नहीं है। कुछ समाचार पत्रों , अखबारों ने भी खूब अफवाहें उड़ाई जो की एक शर्मनाक बात है।
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