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Tuesday, May 19, 2020

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है।

आरएसएस के आगे किसी की कोई औकात नहीं है भले ही मुंह से कोई शेर बन जाय अलग बात है। किसी को पता भी है 40 राष्ट्र में आरएसएस फैला हुआ है इसके करीब 40 लाख से ज्यादा वॉलंटियर भारत में है। आरएसएस को बदनाम करने से अच्छा कभी इसके साखा में आइए महीनों समय दीजिए इतना आसान नहीं आरएसएस को जानना पूरा खपा देना पड़ेगा। संघ का कार्यकर्ता बहुत  मेहनती और पढ़ा लिखा होता है। 1948 का युद्ध भारत पाकिस्तान युद्ध याद है न कि भूल गए जरा इतिहास में घूसिएगा श्रीनगर का हवाई अड्डा बर्फबारी से ढक गया था और दुश्मन का हमला शुरू हो चुका था। इस हवाई अड्डे को स्वयसेवकों ने 26 घंटे में साफ कर दिया और भारतीय सेना के जवान हवाई मार्ग से आने में सफल रहे। इतना ही नहीं आर्म्स और एम्युनिशन  फंस गया  था जहा पे पकिस्तानी सेना की नजर थी। वहा जाना खतरे से खाली नहीं था फिर भी गए स्वयसेवकों ने प्राण कि परवाह किए बगैर केवनी और घुटनों के बल घिसते और रेंगते हुए गए उधर से धड़ा धड़ गोलियां चल रही है किसी के सीने पे लग रही है किसी खोपड़ी पे पर जज्बा वहीं है। उन्होंने इसमें सफलता पाई आर्म्स और एम्युनिशन लाने में कामयाब रहे जिसमें संघ के 13 कार्यकर्ता वीरगति को प्राप्त हुए। ये भारतीय सेना की बहुत बड़ी मदद थी जिसके फलस्वरूप सेना के बड़े अधिकारियों ने संघ के इन कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का प्रस्ताव भेजा जिसको संघ द्वारा ठुकरा दिया गया। संघ का विचार यह था कि मां की सेवा और वंदना तो हमारा धर्म और कर्म है इसके लिए हमें किसी पुरस्कार की कोई जरूरत नहीं । हम बिना किसी लालसा के भारत माता की सेवा करते रहेंगे। संघ की देश भक्ति पे सवाल खड़ा करना कही से भी उचित नहीं है। इसके आगे और पीछे बहुत किस्से पड़े हुए है। बाकि जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है।

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