Pages

Friday, August 11, 2023

चुम्मा विमर्श

और दद्दा राम राम कैसन हो का हाल चाल है? ठीक है अपना बताओं? हम्हू मस्त है बाकी संसद में बवाल हो गया है "फ्लाइंग किस" को लेकर.. ई का होता है बे? तनिक विस्तार में समझाओ .. दद्दा इसका मतलब है कि दूर से ही हाथ को मुंह से लगाकर हवा में इशारा कर देना... ई कवन किया बे? वही राजनीति का पप्पू और कौन करेगा.. हाहा बेटा हम्हू सब जानते है रोज टीवी और अखबार के माध्यम से सब देखते और समझते है...  तब काहे पूछे इसके बारे में पूछे? हम देखना चाह रहे थे तुम कितना जानते हो इसके बारे में? ... अरे दद्दा आजकल ई हे राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है.. हा सही बोले। साला संसद में सांसदों का रवैया देखने लायक है। हद हो गई बात आंख मारने से लेकर "हवाई चुम्मा" तक चली गई शर्मनाक है..! ये इससे भी शर्मनाक मणिपुर में जो हुआ एक कलंक है उसपर यशश्वियो की चुप्पी और कुछ  तथाकथित लोगो का अनर्गल प्रलाप की राजनीति ने देश की छवि को काफी हद तक ठेस पहुचाई है। खैर संसद में छिछोरापन कही से भी ठीक नही है। ... अरे दद्दा इस शर्मनाक हरकत का भी बचाव किया जा रहा है एक बिहार की कांग्रेसी नेता कह रही थी की "बूढ़ी को को फ्लाइंग किस देंगे" भले पप्पू पचपन का होय गया हो..
सही बोले  शायद वो "साठे में पाठा सिद्धांत" मानती हैं... गज़ब का तर्क कुतर्क चल रहा है दद्दा.. हाहा हाहा

अरे हंस मत पगले तुझे क्या पता हंगामा तब नहीं हुआ जब गोविंदा ने शिल्पा शेट्टी से चुम्मा उधार मांगा, तब भी नहीं हुआ जब अमिताभ बच्चन ने सुश्री किमी काटकर जी को जुम्मे के दिन के चुम्मे का वादा याद दिलाया....हंगामा हुआ भी तो एक युवक के तथाकथित हवाई चुम्मा मात्र देने पर हुआ..!
क्या चुम्मे लेने देने पर सिर्फ महिलाओं का ही कॉपीराइट है, पुरुष समाज अगर हवाई चुम्मे तक की बात कर दे तो हंगामा खड़ा काहे हो जाता है? ये कैसा समाज बना रहे हैं हम, क्या यही गांधीजी के सपनों का भारत है? शर्मनाक... 

अरे दद्दा भोजपुरी वाला पुराना गाना याद आ गया उसमे भी एक महिला ही गाती है "ए गो चुम्मा दे दी राजा जी बन जाई जतरा हमार" अभी एक नया निकला है जिसमे लड़की कह रही "ना चेक लेहब ना देहब उधारी काहे से की ई चुम्मा ह भारी" तो लड़का गाता है "गन्ना बेच के चुम्मा लेहब हम बैसाख में देबू चाहे एक लाख में.. चाहे चीनी हमरी मिल जाय डार्लिंग खाक में चुम्मा लेहब हम एक लाख में ...." वाह बेटा वाह पूरा रिसर्च करके बैठें हो...!  दद्दा चुम्मा पर अच्छा खासा रिसर्च किया जा सकता है बहुत कुछ निकलकर सामने आ सकता है.. अब लड़किया कहती है  मैं दाढ़ी रखने वाली कल्चर के खिलाफ हु चुम्मा लेने में दिक्कत होती है अब इन्हें कौन बताए की "दाढ़ी निकाल दो तो कुछ लड़के लप्पु सा सचिन लगने लगते है" कौन सचिन बे? हैदर वाला दद्दा तेंडुलकर मत समझ लेना वैसे भी ये फ्रेंच कट दाढ़ी रखते थे कभी... हाहा हा 
अच्छा तो अब चलते है काम पर फिर मिलते है शाम को इसी दुकान पर ... हा दद्दा इस बीच भोजपुरी में गया हुआ "पाण्डेय जी का बेटा हु चिपक के लेता हु " वाले गाने का विश्लेषण किया जाएगा और सुना है वामपंथियों ने "ब्राह्मण वादी चुम्मे" का विरोध किया है.... अबे  चल निकल ससुरे हरदम बकैति करता रहता है... इतना पढ़ाई में दे दिया होता पीएचडी कर रहा होता... अरे दद्दा क्या ही बताऊं उसके एक चुम्मे ने पूरा सेमेस्टर बर्बाद कर दिया....बड़ी गंभीर समस्या है दद्दा के लिए चाय पकौड़ी इंतजाम किए रहना मिलते है को निकलते है काम पर चूमना चूमाना तो लगा रहेगा......!



1 comment: