Friday, August 6, 2021

स्वराज स्मृति

ऐसा कहा जाता है कि जब समय अपनी चलायमान गति से आगे बढ़ता है, तो लोग उन महान विभूतियों को इतिहास और यादों के किसी अस्पृश्य हिस्से में समेट लेते हैं, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी 'नए भारत' के निर्माण में समर्पित कर दी।

श्रीमती स्वराज कई युवा भारतीयों के लिए एक माँ की तरह थीं, जो उन्हें मानवीय भावनाओं के विभिन्न पक्षों के प्रति संवेदनशील और अपने आदर्शों के प्रति समर्पित व्यक्तित्व के रूप में देखते थे। देश उन्हें आज भी एक मज़बूत नेत्री के रूप में देखता हैं, क्योंकि वह उस संघर्षकाल से निकली नेत्री हैं, जब राजनीति में महिलाओं के भागीदारी ना-मात्र की थी। उस काल खंड से आज के युवा भारत की सोच के बीच श्रीमती सुषमा स्वराज का जीवन एक परिवर्तनात्मक सेतुबंध हैं, जिसने समाज की दशा और दिशा बदलने में एक अकल्पनीय योगदान दिया है।

वह अपनी विचारधारा और 'अंत्योदय' को समाज में विकास का मार्ग मानती थीं। एक संघर्षरत जीवन व कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता की मिसाल बनी सुषमा स्वराज आम जन-मानस के हृदयस्पर्शी विषयों को लोकतंत्र में एक सशक्त प्रतिनिधित्व देने हेतु हमेशा जानी जाती थी, और इसीलिए जानता से उनका सीधा जुड़ाव आज भी महसूस किया जा सकता हैं। उनका स्पष्ट व संवाद कौशल राजनीतिक मतांतरों के बावजूद सभी विरोधियों कायल होने पर मजबूर कर देता था और आज भी करता हैं। यह सम्मान व सद्भाव अर्जित करना आज के राजनैतिक परिदृश्य में देख पाना बहुत मुश्किल हैं। विभिन्न भारतीय भाषाओं में उनकी विद्वत्ता व संस्कृत के प्रति उनका समर्पण आज भी याद किया जाता हैं। भारतीय संस्कृति में रमी एक ऐसी जन-नायिका शायद ही इस देश में कोई होगी, जिसका कोई राजनैतिक कुल नहीं रहा।

वे भारतीय संसद के दोनों सदनों में लंबे समय तक एक संसद सदस्य, वाजपेयी जी की सरकार में विभिन्न पदों पर मंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री, लोकसभा में विपक्ष की नेता, और अंत में, मोदीजी के नेतृत्व में एक उत्कृष्ट विदेश मंत्री के रूप में उनकी राजनैतिक यात्रा बहुत शानदार और स्मरणीय रही हैं।

उनके जीवन की उपलब्धियों से पता चलता है कि जब आप अपने आपको सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित करते हैं, तो निश्चित ही आपका संकल्प अपने निहित लक्ष्यों को प्राप्त करेगा, जो आपने समाज कल्याण हेतु परिलक्षित किया है। श्रीमती स्वराज का जीवन अनुभव हम जैसे कई हिंदुस्तानियों को हमेशा वाजपेयी जी और डॉ कलाम की तरह एक मूल्यवान सबक देता है, जो यह हैं कि, लोक सेवा एक महान आह्वान है, जिसका सम्मान राष्ट्रीय हित व विकास में बेहद महत्वपूर्ण हैं।

आज लोग सार्वजनिक पद और लोक सेवा के बीच रेखित अंतर नहीं समझ पाते हैं, लेकिन जब हम स्वराज जी जैसे दिग्गजों व्यक्तित्व को याद करते हैं, तो हमें अपनी आस्था और निष्ठा को नेक और आवश्यक सार्वजनिक सेवा के लिए दोहराना चाहिए और राष्ट्र निर्माण में जीवन आहूत करने हेतु संकल्प लेना चाहिए।

सुषमा जी की स्मृति में

लेखक
गौरव राजमोहन नारायण सिंह