Wednesday, December 16, 2020

जय खालिस्तानी छोड़ो किसानी..!

लेखक:- शिवम कुमार पाण्डेय
अरे ये क्या हो रहा है? इतना शोर क्यों मच रहा है? अरे भैया कुछ नहीं ये किसान आंदोलन चल रहा है। वो सब तो ठीक है पर जो आवाज गूंज रही तनिक उसको भी सुनो की बस हल्ला हूं मचाने से ही सब किसान हो जाएंगे। "खालिस्तान जिंदाबाद" का नारा लग रहा है..! कोई कह रहा है इंद्रा को देख लिए , जनरल वैद्य को देख लिए, मोदी क्या चींज है? मोदी मरजा तू ...! मतलब सारी हदे पार की जा रही है किसान आंदोलन के नाम पर। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का खुलकर समर्थन किया जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने कुछ खालिस्तानी और इस्लामिक आतंकियों को धर दबोचा है।
अमेरिका के वॉशिंगटन में जो हुआ वो कत्तई बर्दाश्त करने के लायक नहीं है। भारतीय किसानों के आंदोलन को समर्थन की आड़ में कुछ मुट्ठी भर लोगो ने  भारतीय दूतावास के पास स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को खालिस्तानी झंडे से ढककर भारत विरोधी नारे लगाए गए। वाह भैया वाह देखने वाली बात है कि अमेरिका की नागरिकता लेकर मज़े ले रहे है और चिंता सता रही है भारत के किसानों की..! ये जो विभाजनकारी एजेंडा चला रहै  है इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। 
किसानो को भटकाना- भड़काने  वाले कभी किसानों के हितैषी नहीं हो सकते है। जितने भी आंदोलन में बैठे है उन्हे "तथाकथित किसान" बोला जाए तो इसमें कुछ ग़लत नहीं है। किसानों को लेकर कानून बहुत पहले भी बने है देश पर इतना बवाल कभी नहीं है और किसानों कोई फर्क नहीं पड़ता है। बहुतों को तो फसल काटने और बोने से फुर्सत नहीं है वो क्या आंदोलन करेंगे?  नए कृषि कानून को किसी ने ढंग से पढ़ा भी नहीं होगा  फिर भी कुछ मुट्ठी भर नक्सलवादी विचारधारा वाले , विपक्षी दल , तथाकथित किसान संगठनों आदि लोगो ने इसको लेकर उलुल जुलुल भ्रामक फैला रहे है। एक महिला नेता स्टेज पर आती और कहती है मेरा चप्पल चोरी हो गया इसके पीछे मोदी कि साजिश है..! हद है किसानों के कंधो पर बंदूक रख चलाने वालो को मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी हो गया है।
उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि किसानों के आंदोलन से हर रोज 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इससे पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की अर्थव्यस्था पर काफी चोट पहुंची है। संगठन का कहना है किसान आंदोलन की वजह से माल की ढुलाई पर असर पड़ा है और सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है।इस वजह से देश में फल और सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं।
खैर जब संसद में बहस करना था तो विपक्ष वाले हल्ला हूं मचा रहे थे। उपसभापति हरिवंश नारायण जी के साथ सदन में कृषि बिल के दौरान विपक्ष के  माननीय सांसदों द्वारा हिंसक व्यवहार किया गया था। जो संसद में ऐसी नीच हरकत करने से नहीं डरते उनके लिए सड़कछाप आंदोलन में उतरना कोई बड़ी बात नहीं..!

22 comments:

  1. किसान आंदोलन, अपने अधिकारों के लिए करें उसका मैं समर्थन करती हूँ परंतु आंदोलन,के नाम पर अराजकता तथा देश की बदनामी करना ठीक नहीं..।कुछ लोग किसानों की आड़ लेकर राजनीतिक रोटियाँ सेक रहे हैं..जो सही नहीं है..।आपको शुभकामनाएँ शुभम जी..।मेरी कविता " किसान हूँ न " १०दिसम्बर को प्रकाशित हुई है..।ज़रूर पढ़े..।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत धन्यवाद जिज्ञासा जी। जी,हा जरूर पढ़ता हूं..!

      Delete
  2. Replies
    1. आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार आलोक जी।

      Delete
  3. किसान आन्दोलन निहायत ही ज़रूरी है. सरकार मनमानी कर रही है, तो क्या किया जाए? किसान आन्दोलन के समर्थक बुद्धिहीन नहीं हैं, न ही देशद्रोही. यह बात सरकार को समझनी होगी.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हा, पर वर्तमान में जो आंदोलन हो रहा है उसका कोई ओर-छोर नहीं दिख रहा है। रही बात देशद्रोही की तो नारे तो लगे है और उल्टी - सीधी देश विरोधी हरकते हुई है.। किसानों के कंधों पर तोप रख कर फोड़ा जा रहा है... रही बात समर्थन की तो अपनी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है।

      Delete
  4. वाह भैया वाह देखने वाली बात है कि अमेरिका की नागरिकता लेकर मज़े ले रहे है और चिंता सता रही है भारत के किसानों की..! ये जो विभाजनकारी एजेंडा चला रहै है इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार कविता जी राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

      Delete
  5. अच्छा लिखते हैं आप .... यूं ही लिखते रहिए ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार अमृता जी।🌻🙏

      Delete
  6. Replies
    1. बहुत- बहुत शुक्रिया आपका इस लेख को पढ़ने के लिए।

      Delete
  7. सहमत है शिवम जी आपसे। शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत धन्यवाद वीरेंद्र जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।🌻

      Delete
  8. सही कहा आपने आन्दोलन के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं.....। अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर देशद्रोही नारेबाजी करना निहायत गलत ही है। हम भी किसानों से सहानुभूति रखते हैं । पर ऐसे सियासी हरकतें देख क्या कह सकते हैं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपका बहुत धन्यवाद। वहीं तो सुधा जी प्रधानमंत्री के विरोध में भारत माता को गाली दी जाती है...!

      Delete
  9. शिवम जी ! नव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभ कामनाएं |आप सदैव सपरिवार स्वस्थ व सानन्द रहें और ऐसे ही देश को जगाने के लिए सदा लिखते रहें |

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार आलोक जी। आपको भी नव वर्ष कि बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।♥️🌻🙏

      Delete
  10. बहुत सुंदर l
    आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं l

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत धन्यवाद मनोज जी। आपको को भी नवबर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।।

      Delete
  11. लाजवाब, बहुत सुंदर, बहुत अच्छे, बहुत बढिय़ा...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार कृष्णा जी।🌻

      Delete