Saturday, July 22, 2023

हिंदू कब तक सहिष्णु बना रहेगा?


एक कुरान जलाने पर इतना बवाल मच गया पूछिए मत लेकिन वही पाकिस्तान में हिन्दू मंदिरो को तोड़ा जा रहा है और महिलाओं बच्चियों को अगवा किया जा रहा है। इसको देखकर सब चुप्पी साधे हुए है सबकी जबान सील गई है कोई कुछ बोलता ही नही है... पूरे विश्व समुदाय को देखिए शांति की बात करते है लेकिन यहां उनकी चुप्पी ये बताती है कि वो सिर्फ भारत के आंतरिक मामलों पर ही ज्ञान देंगे और मानवाधिकार की बात करेंगे!भले इनके घर में आग लगी हुई है देख लीजिए यूरोप को कैसे जल रहा है... भारत सरकार क्या इस मुद्दो को सख्ती से यूएन में उठाया है ? पाकिस्तान बार बार कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है भले दुनिया से भीख मांग रहा है लेकिन इन सुअरो का जज्बा कायम है की जिहाद करेंगे अरे नही ये भीखमंगे "जेहाद" बोलते है...
बड़ी गजब बेबसी और लाचारी है उन हिंदू परिवारों का, माताओं और बहनों का को पाकिस्तान में फंस कर रह गई है। इन कट्ठमुल्लो के बीच कैसे गुजर बसर कर रहे होंगे इसका अंदेशा हम या आप नही लगा सकते है ।

पाकिस्तान ही क्या इंदिरा जी का बनाया हुआ "बांग्लादेश" ही कौन सा सेक्युलरिजम का झंडा गाड़ रहा है.. यहां भी मंदिरो पर हमले होते आ रहे है और हिंदू तो पिटाते ही है ये भी क्या बताने वाली बात है? दुनिया में जो भी हलचल होता है आजकल सोशल मीडिया से सबको पता चल जाता है कहा क्या हो रहा है बस लोग बोलते वहा है जहां उनका तथाकथित एजेंडा चलता है। हिंदू कब तक सहिष्णु बना रहेगा? क्या माताओं बहनों की रक्षा के लिए हिन्दू शस्त्र नही उठा सकता है ? सब उठा रहे है हिंदुओ को भी उठाना चाहिए। इतना सबकुछ होने के बाद भी किसी का खून नही खौल रहा है तो वो नपुंसक है। अरे कब तक रोते रहोगे की की हमारे साथ अत्याचार हुआ है प्रतिकार नाम की भी कोई चीज होती है उसे कब करोगे? वो तो चाहते ही है की रोओ गाओ शोर मचाओ छाती पीटो.. बात इससे ऊपर उठने की है बात स्वाभिमान की है आत्म रक्षा और माताओं बहनों की सम्मान की है!
कोई नेता कोई दल देश आपके हित में नही बोलने वाला जबतक आप स्वयं तांडव करने पर उतारू ना हो। एक्शन लेना होगा रोने गाने से काम नहीं चलने वाला है। मर तो अभी भी रहो हो पर धिक्कार है ऐसी मौत पर! एक युद्ध छेड़ो इन जिहादियों के खिलाफ और इस युद्ध में प्राण भी गए तो वीरगति को प्राप्त होगे जो कायरो की तरह जिन्हे से तो बेहतर है।हिंदुओ को चाहिए की क्रूरता की सारी हदें पार कर दे जब बात खुद के वजूद पर आ जाए ।हिंदुओ को चाहिए की क्रूरता की सारी हदें पार कर दे जब बात खुद के वजूद पर आ जाए ।

8 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (23-07-2023) को    "आशाओं के द्वार"  (चर्चा अंक-4673)   पर भी होगी।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय शास्त्री जी।🙏

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  2. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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    1. आपका बहुत आभार भारती जी। स्वागत है राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।

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  3. गहरी निद्रा अवस्था है अभी समाज की ... शायद कभी जागे ... सार्थक चिंतन ...

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    1. आपका बहुत आभार दिगम्बर जी। बाकी जितना जल्दी हो जाग जाय वरना वजूद ही नही बचेगा।

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  4. चिंतनपूर्ण विषय पर विचारनीय आलेख।

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    1. आपका बहुत आभार जिज्ञासा जी।

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