Sunday, October 29, 2023

इजराइल की कार्रवाई से भारत में बैठे इस्लामिक कट्टरपंथियों का होता चरित्र उजागर

बहुत भसड़ मचा हुआ है देश में । एक अलग ही स्तर का बकइती हो रहा है। क्या फर्क पड़ता है हमे फिलिस्तीन में लोग मरे या जिए? रही बात समर्थन की तो हमारा समर्थन उसी को जो इस्लामिक आतंकवाद से जूझ रहा है। हमने लाखो लोगो की जान गवां दी है इस तथाकथित जिहादी आतंकवाद से। फिर भी कुछ लोगो को कीड़ी काट रही है। भारत में बैठा लिबरल गैंग ऐसे रोना रो रहा है मानो ये युद्ध भारत की भूमि पर लड़ा जा रहा है और भारत के लोग मारे जा रहे है। हद है मतलब भारत जबरदस्ती का इसमें क्या उखाड़ने जाय? 

कोई लड़े मरे कटे क्या ही फर्क पड़ता है।शक्तिशाली लोगो के साथ रहकर ही शक्ति हासिल होती है। तब जाकर कही महाशक्ति की स्थापना होती है। औरतों और बच्चों का आड़ लेकर कायराना हमला करने वाले खुद पीड़ित बताने में लगे रहते है। तीन जादुई शब्दो का खेला बहुत खतरनाक होता है इनका। आज के समय में कोई कमजोर नही है अगर किसी के घर में घुसकर में कोई उत्पात तो मचाएगा तो कूटा ही जायेगा..! खुद को इस्लाम का हिमायती बताने वाले इतने सारे इस्लामिक राष्ट्र क्यों नहीं कोई इन फिलिस्तीनियों को शरण दे दे रहा है.. ? बात साफ है जो इन्हे जो शरण देगा ये उसी की कब्र खोदने में लग जाएंगे..इनका इतिहास रहा है गद्दारी का और गद्दारों को शरण नही दिया जाता है बल्कि निर्वासित किया जाता है। बात वही है न इस्लाम का नेता है बनना है तो सब इनके लिए बोल दे रहे है..! हमास एक आतंकी संगठन है जिसे तुर्की के राष्ट्रपति ने मुक्ति सेना का नाम दे दिया हैं हा वही तुर्की जो भारत के खिलाफ भी जहर उलगता रहता है समय समय पर । भारत में बैठे कुछ दो कौड़ी के लोगो का अलग ही मातम मच रहा है । ठोके हमास वाले जा रहे है दर्द इनको हो रहा है। छपटाहट देखी जा सकती है खुलेआम रोना मचा हुआ है। 

इजराइल में रह रही भारतीय महिला सौम्य संतोष की इसी फिलिस्तीन हमास के आतंकी हमले में मृत्यु हो गई थी 2 साल पहले इसपर कोई नही बोला था। बोलेंगे कैसे? शांतिप्रिय समुदाय वाले जो ठहरे! देखने वाली बात है जैसा 2 साल पहले हुआ था उससे ज्यादा खतरनाक हमला हुआ है इजराइल पर जिसकी उम्मीद किसी ने नही की थी। इस्लामीक कट्टरपंथियो का भड़काऊ भाषण देख सकते है इन्हे अपने देश से प्यार नही है। ये जिस देश में रहते हैं वहा बस इस्लामिक राज कायम करना चाहतें है। इन्हे बस अपना मजहब दिखता है और कुछ नही। वरना भारत में रहने वाले मुस्लिमो से क्या मतलब की इजराइल फिलिस्तीन में क्या कर रहा है? 

ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड का कमांडर सुलेमानी को अमेरिकी सेना ने मार गिराया था इसको भी लेकर भारत के कारगिल में जुलूस निकाला जाता है, अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी होती है। इतना ही नही 2012 में आतंकी रोहिंग्याओ को लेकर गंध मचा था भारत में । एक तस्वीर सबने देखी होंगी जिसमे कुछ जिहादी वीरों की अमर जवान ज्योति को मारकर तोड़ रहे है, फिर कहते है आप हमारे देशभक्ति पर सक कर रहे है। इसका क्या अर्थ निकाला जाय ? अगर कल को किसी मुस्लिम राष्ट्र से भारत का युद्ध हो गया तो  भारत में रह रहे तथाकथित मुसलमान क्या भारत के साथ रहेंगे? 

अरे नही मतलब भारत माता की जय नही बोलेंगे वंदेमातरम से तकलीफ है इनको क्या तकलीफ है भाई पूछ दो तो बोलेंगे संविधान में ऐसा नही लिखा है.. तो अरे मिया तो भारत का संविधान तो ये भी नही कहता है की सड़को पर उतर कर "फिलिस्तीन जिंदाबाद" के नारे लगाओ...! बात साफ है गजवा ए हिंद का खतरनाक इरादा लेकर चलते है ये तथाकथित घृणित मानसिकता वाले पंचर पुत्र जिनका सफाया होना बहुत जरूरी है। बाकी आतंकवाद के विरुद्ध भारत और इजराइल एक दूसरे का समर्थन करते है और करते रहेंगे।

2 comments:

  1. मोदी जी ने जरूर पढ़ना चाहिए आपको |

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    1. अरे सर😅
      बहुत धन्यवाद आपका 🌻🐼

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