Friday, December 22, 2023

राजनीतिक हलचल आजकल

बहुत दिनों से मेरा मोबाइल खराब हो रखा है तो कोई खबर नहीं मिलती है। आजकल के अखबारों में भी वो अब बात नही रही बस चारो तरफ गंध फैला हुआ है। राजनीति तो राजनीति अब खेलों में भी अलग धंधा चालू हो चुका है। मतलब क्या ही बोला जाय आजकल के खेल पत्रकारो का वो किसी खिलाड़ी विशेष के दलाल बने हुए दिख जाते है अपने लेख और खबरों के माध्यम से। बनिए फैन किसी बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी का लेकिन इतना गिरिए की किसी और बेहतरी खिलाड़ी को नीचा गिराने लग जाए खुलेआम। खैर छोड़िए भी मुड़कर आते हैं राजनीति में शुरू से लेकर अंत तक छत्तीसगढ़ में जो माहौल मीडिया में भूपेश बघेल जी ने बनाया था क्या ही कहना ऐसा लग रहा था इस बार भी यही मुख्यमंत्री बनेंगे और फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी...!  जब नतीजे आए तो सब धरा का धरा रह गया। वो बिकाऊ मीडिया भी गायब हो गई जो इन्हे एक महान नेता की तरह प्रस्तुत कर रही थी। 
यही हाल राजस्थान और मध्यप्रदेश का रहा। राजस्थान का तो फिर भी समझ में आता है की हर पांच साल में सरकार बदल ही जाती है और जनता भी त्रस्त थी गहलोत सरकार से लेकिन जो घटिया माहौल शिवराज या भाजपा सरकार के खिलाफ बनाया गया था मीडिया, सोसल मीडिया द्वारा उसको जोरदार तमाचा लगा है। हा मुख्यमंत्री बेसक मोहन यादव जी को बनाया गया है लेकिन इससे शिवराज जी की लोकप्रियता खत्म नही हो जाती है। समय की मांग थी बदलाव जरूरी था और हुआ है। अब जैसे राजस्थान में  भजन लाल शर्मा जी को मुख्यमंत्री का पद मिला है ठीक वैसे ही जैसे छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय जी को मिला है। बात साफ भाजपा ने बड़ा खेल खेल लिया है इन तीनो जमीनी नेताओ को मुख्यमंत्री का पद देकर। सवर्ण ,सामान्य, पिछड़ा या अनुसूचित जाति, आदिवासी वर्ग के लोगो  लेकर गजब की राजनीति चल रही है जिसमे भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और विपक्ष से बहुत आगे निकल चुकी है जिसका परिणाम आने वाले लोकसभा चुनाव में भी दिखेगा। 
अब मोदी जी को पनौती बोला गया था मोदी जी ने उसे आड़े हाथों लिया इस मुद्दे को। कुछ लोग अपनी जबान बंद करके भी अपने पार्टी की मदद कर सकते है लेकिन इनसे ये भी नही होगा। चलिए ठीक है अभी हाल ही में संसद में कुछ तथाकथित लोग घुस गए जोकि एक राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक का मामला है अगर यही बंदूक धारी होते और इनके पास विस्फोटक होता तो बड़ा हादसा हो सकता है। विपक्ष के पास बेहतरीन मौका था की सरकार को इस मुद्दे को लेकर घेरे लेकिन नही इन्हे उन तथकतिथ घुसपैठियों का समर्थन करना था। समर्थन करते हुए कहते है सब की बेरोजगारी की वजह से ये सब हुआ है। एक अलग ही स्तर की राजनीति चल रही विपक्ष वालो की इनका बनाया इंडी गठबंधन भी किसी काम का सब ढोकोसला था। शायद पहली बार ऐसा हुआ है की राज्यसभा से इतने सांसद निलंबित हुए है। विरोध प्रदर्शन में एक टीएमसी के नेता कल्याण बनर्जी ओछी हरकत करते हुए नजर  आए देश के उपराष्ट्रपति की नकल कर रहे थे और मजाक उड़ा रहे थे वही पर कांग्रेस के युवराज वीडियो बना रहे थे। एक लगभग 80 साल के शिष्ट और सुसंस्कृत व्यक्तित्व का मजाक उड़ाया गया जो संवैधानिक तौर पर भारत के शायद तीसरे सबसे महत्त्वपूर्ण पद पर आसीन हैं। राहुल गांधी कभी भी एक गंभीर राजनेता नहीं बन सकते। राहुल गांधी वीडियो बनाने की जगह उस सांसद को रोकते तो एक गंभीर राजनेता की छवि बन सकती थी ये छोटी छोटी चीज ही इंसान को बड़ा बनाती है
बाकी सब मौजूद सांसदों की नीचता का स्तर भी दिख गया।



6 comments:

  1. जी बिल्कुल सही टॉपिक उठाया है। इन छोटी छोटी ओछी हरकतों से ही राजनीति का स्तर गिरता जा रहा है।

    बढ़िया लेख।

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  2. बहुत ही सार्थक लेख।

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  3. बाखूबी समेटा वर्तमान राजनितिक स्थिति को ...

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