Monday, February 8, 2021

आत्मनिर्भर भारत के बुनियाद का बजट

लेखक:- अमित शाह,केंद्रीय गृहमंत्री


कोरोंना की चुनौती और प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच आम बजट लाना एक जटिल काम था, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्धि तक ले जाने वाला सर्वस्पर्शी एवं सर्वांगीण विकास को समर्पित बजट पेश किया। इस बजट के मूल्यांकन में इसकी मूल भावना को दो बिंदुओं में समझना चाहिए। पहला यह कि महीनों तक लॉकडाउन के कारण ठप आर्थिक गतिविधियों के बावजूद यह बजट चुनौतियों से उबर कर आगे बढ़ने की मजबूत इच्छाशक्ति वाले सशक्त भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है। दूसरा यह कि बजट में भविष्य के आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षा रखने वाले देश की संकल्पशक्ति नजर आती है। देश ने महसूस किया है कि यदि नेतृत्व दूरदर्शी और संकल्पवान हो तो आपदा को अक्सर में बदला जा सकता है। अनेक चुनौतियों के बावजूद मोदी सरकार ने किसी प्रकार का कोई अतिरिक टैक्स लगाए विना बजट में जनकल्याण के कार्यों को 'सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास' मंत्र के साथ आगे बढ़ाते हुए गरीब, किसान, महिला, युवा को प्राथमिकतादी है। कृषि की बुनियादी संरचना को सुदृढ़करने और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के लिहाज से यह बजट विशेष महत्व रखता है। बजट से स्पष्ट है कि किसानों की उपज लागत से डेढ़ गुने अधिक एमएसपी पर खरीदी जाएगी। बीते वर्ष में गेहूं एवं दाल और चालू वर्ष में धान की खरीद में वृद्धि यह दिखाती है कि केंद्र में किसानों के हित में काम करने वाली सरकार बैठी है। पहले जो किसान यूरिया के लिए पुलिस की लाठियां खाते थे, आज सम्मान निधि की राशि सीधे उनके खातों में पहुंचती है। सरकार ने कृषि ऋण के लिए बढ़ोतरी करते हुए 16.5 लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को 30 से 40 हजार करोड़ रु करने, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10 हजार करोड़ रु, 1000 'ई-नाम' के जरिये किसानों को वैश्विक बाजार से जोड़ने और स्वामित्व योजना जैसे अनेक प्रयास किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महामारी के दौरान देशव्यापी टेस्टिंग नेटवर्क, पीपीई किट उत्पादन में भारत की कार्यशैली ने विकसित देशों को भी चकित किया। स्वास्थ्य बजट में 137 प्रतिशत की ऐतिहासिक बढ़ोतरी करते हुए उसे 2.38 लाख करोड़ रु किया गया है। बजट में प्रस्तावित आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना से लगभग 75 हजार गांवों के वेलनेस सेंटर्स को मदद मिलेगी। नई लैब नए संस्थान खुलने से स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक बदलाव होंगे। बजट में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रु की व्यवस्था की गई है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ मोदी जी दुनिया के कई देशो में कोरोना का टीका पहुंचा कर भारत को वैश्विक पटल पर सम्मान दिला रहे हैं। बजट में सबके लिए कुछ न कुछ है। उज्ज्वला योजना में आठ करोड़ महिलाओं तक मुफ्त रसोई गैस पहुंचाने के बाद अब एक करोड़ अन्य लाभार्थियों तक पहुंचने का लक्ष्य है। बजट में 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स रिटर्न भरने से छूट का निर्णय सरकार के मानवतावादी नजरिये का प्रतीक है। मत्स्य उद्योग से जुड़े लोगों के हित में पांच नए बंदरगाह बनाने और प्रवासी मजदूरों के डाटा को एकीकृत करने का प्रस्ताव है, जिससे वे एक देश एक राशन कार्ड का लाभ उठा सकें। मध्यम वर्ग के हित में सस्ते घर के लिए कर्ज में छूट की अवधि एक साल और बढ़ाई गई है। मोदी जी ने गरीबों को आवास, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, शुद्ध जल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि सुविधाएं देने का जो संकल्प लिया है, उसे यह बजट सिद्धि तक ले जाने में सहायक होगा।

बीते सात दशकों में अनेक सरकारें आईं, किंतु वैश्विक पटल पर भारत की साख को बढ़ाते हुए युगानुकूल आर्थिक सुधारों के साथ सामान्य जन के कल्याण के प्रति इतनी प्रतिबद्ध सरकार पहले कभी नहीं आई। आज देश आर्थिक महाशक्ति बनने को तैयार है, किंतु मुझे कई बार दुःख होता है कि कुछ विपक्षी दल देशहित के मसलों पर भी नकारात्मक विचारों से राजनीति करते हैं। ऊपर जिन कार्यों का मैंने उल्लेख किया, वे सभी आमजन के जीवन में बेहतर बदलाव लाने वाले हैं। क्या यह सब तब संभव है जब देश आर्थिक रूप से कमजोर हो?

मैं बधाई देना चाहता हूं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को, जिन्होंने देश को समृद्ध करने के अभियान को आर्थिक सुधारों से गति देने का काम किया है। महामारी के बाद रिसेटिंग मोड में चल रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के लिए नए अवसर हैं। इस बजट में इन अवसरों को परिणाम में बदलने की नीतिगत योजना दिखती है। आज देश को आर्थिक विकास में अपनी संपूर्ण ऊर्जा और क्षमता के साथ जुटना होगा। निजी क्षेत्र भी हमारी इसी ऊर्जा का हिस्सा है। मोदी सरकार ने पारदर्शी और सुगम व्यवस्था देकर आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया है और आधारभूत संरचना के विकास के लिए भी ठोस कदम उठाए हैं। परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 1.18 लाख करोड़ रु के बजट से राजमार्गों के विस्तार को नई गति मिलेगी। रेलवे की अगले एक दशक की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने के लिए रिकार्ड 1.10 लाख करोड़ रु का बजट दिया गया है। इसके साथ जलमार्गों, बंदरगाहों के विकास हेतु पूंजी निवेश और पीपीपी मॉडल के जरिये अनेक कदम उठाए गए हैं। आर्थिक विकास को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय में 34.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह पिछले वर्ष के 4.21 लाख करोड़ से बढ़कर 5.54 लाख करोड़ रु हो गया है। सरकार ने स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देते हुए उन्हें 31 मार्च 2022 तक टैक्स जमा करने से राहत दी है। अर्थव्यवस्था की धुरी और करोड़ों लोगों को रोजगार देने वाले लघु एवं मध्यम उद्योगों की मजबूती के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही बैंकिंग तंत्र में सुधार, ऋण प्राप्ति की सुगमता एवं आर्थिक विवादों के निपटारे के कदम उठाकर आर्थिक उन्नति को सुगम बनाया गया है। इन कदमों का ही परिणाम है कि विदेशी निवेश तेजी से बढ़ा है। गत तिमाही में यह 24.6 अरब डॉलर तक पहुंचा। नए दशक में लाया गया यह पहला बजट आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने की बुनियाद रखने वाला है। बजट देश के हर नागरिक, हर क्षेत्र, हर समुदाय की आकांक्षाओं को पंख देकर नई उड़ान भरने के लिए प्रेरित करने वाला है। यह 'आत्मनिर्भर भारत के विकास की बुनियाद रखने वाला बजट है। 

( लेख दैनिक जागरण अखबार से साभार)

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