Friday, March 19, 2021

संकल्प सिद्धि से बदल गया यूपी

आत्मनिर्भरता के पथ पर तेजी से आगे बढ़ता हुआ यह वही उत्तर प्रदेश आ है जिसके बारे में लोगों ने धारणा बना रखी थी कि इसका कुछ नहीं हो सकता है। उन्नति की अनत सभावनाओं वाले भारत के सबसे बड़े राज्य की 24 करोड़ जनाकाक्षाओं को साकार करने का हमारा व्रत आज चार वर्ष पूर्ण कर रहा है। लक्ष्य अत्योदय, प्रण अंत्योदय, पथ अंत्योदय के सकल्प को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश की सेवा करते चार वर्ष कैसे बीते इसका क्षण भर भी भान न हो सका, और अब यह विश्वास और दृढ़ हो चला है कि साफ नीयत और नेक इरादे से किए गए सद्प्रयास सुफलित अवश्य होते हैं। इस प्रयास से लोगों की धारणा बदलने में मदद मिल रही है।

कोविड-19 की विभीषिका से संघर्ष का एक वर्ष बीत चुका है। मुझे याद आता है जनता कप का वह दिन जब कोरोना के गहराते सकट के बीच महामहिम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति महोदय ने फोन पर बातचीत कर मुझसे प्रदेश की तैयारी के सबंध में जानकारी ली थी। उन्हें चिता थी कि कमजोर हेल्थ इफ्रास्ट्रक्चर, सघन जनघनत्व व भू-क्षेत्रीय विविधता और बड़े क्षेत्रीय विस्तार वाला उत्तर प्रदेश इस महामारी का सामना कैसे करेगा? मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश इस आपदा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और अतत हुआ भी यही हमने आदरणीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी जी के टैस्टिंग और ट्रेसिंग के मत्र को आत्मसात किया और इसे व्यावहारिक धरातल पर उतारने की चुनौती को स्वीकार किया, इसका नतीजा यह है कि सरकार ने लोगों के जीवन और जीविका दोनों को सरक्षित करने में सफलता प्राप्त की। निवासी हों या प्रवासी सबका ध्यान रखा गया। दूसरे प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों की कोई समस्या हो, बाहर से आए श्रमिकों व कामगारों की चुनौतिया अथवा प्रदेश में निवासरत लोगों की जरूरतें, सब पर सीधी नजर रखी गई। मुझे आज यह कहते हुए आत्मिक संतोष की अनुभूति हो रही है कि समाज के हर तबके ने एकजुट होकर इस महामारी से लड़ाई लड़ी। उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबधन की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई।निसंदेह इस आपदाकाल में राष्ट्रीय पटल पर एक नया उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। प्रधानमंत्री जी देश को पाच ट्रिलियन यूएस डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का महान लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उन्होंने हमें आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया है।

उत्तर प्रदेश इस लक्ष्य का संधान कर उनके स्वप्न को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाने को अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता है। बुदेलखड में महिलाओं के सतत प्रयासों से निर्मित बलनी मिल्क प्रोड्यूसर्स समूह ने दुग्ध उत्पादन में जिस प्रकार से 46 करोड़ वार्षिक का टर्नओवर कर दो करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त किया है, वह वास्तव में प्रेरणास्पद है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं और महिलाओं द्वारा किए जा रहे ऐसे अनेक नवाचारी प्रयास 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' के स्वप्न को साकार करने की आधारशिला बन रहे हैं। कहा भी जाता है  "उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि न मनोरथैः"।

आत्मनिर्भरता के पथ पर तेजी से आगे बढ़ता हुआ यह वही उत्तर प्रदेश है जहा मात्र चार वर्ष में 40 लाख परिवारों को आवास मिला, एक करोड़ 38 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला, हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया तथा गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। हम विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी स्थापित कर विकास को रफ्तार देकर आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, पारदर्शी एवं स्पष्ट कार्य संस्कृति, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था से व्यवसाय व विकास के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है। इस बदलते वातावरण का परिणाम है कि आज निवेशकों की पहली पसंद उत्तर प्रदेश है। चार साल के भीतर ' ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की राष्ट्रीय रैंकिंग में 12 पायदान ऊपर उठकर नम्बर दो पर आना कोई सरल कार्य नहीं था, पर हमने यह कर दिखाया। यह वही प्रदेश है जहां वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपए थी, जबकि आज यह 94,495 रुपए है। जीएसडीपी के आधार पर यह देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।

चार वर्ष पूर्व अन्नदाता किसान के ऋण माफी से वर्तमान सरकार की लोक कल्याण की यात्रा प्रारंभ हुई थी। राज्य सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट में लघु व सीमान्त किसानों के लिए ऋणमाफी का निर्णय लिया। आज प्रदेश में किसान उन्नत तकनीक से जुड़ कर कृषि विविधीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उनकी लागत को कम करने और आय को दोगुनी करने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने दशकों से लबित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया है। किसान के प्रति यह हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता ही है कि प्रदेश में अब तक 1 27 लाख करोड़ रुपए का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को किया जा चुका है। किसानों की उम्मीद और खुशहाली हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और हम इस पर पूरी तरह खरे उतरने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।

"आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों के प्रति हमारा समदर्शी भाव है। हमारी नीतियों में दोनों भाव समानातर गति करते हैं। बीते चार वर्षों में उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की जो ज्योति प्रज्वलित हुई है, उसने हर सनातन आस्थावान व्यक्ति के हृदय को आलोकित किया है । 'गंगा यात्रा के माध्यम से आस्था और आर्थिकी दोनों के उद्देश्य पूरे हुए। श्रीराम जन्मभूमि पर सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर के निर्माण के शिलान्यास की सदियों पुरानी बहुप्रतीक्षित साधना वर्ष 2020 में पूरी हुई। वर्तमान राज्य सरकार अयोध्या को वैदिक और अधुनातन सस्कृति के समन्वित नगर की प्रतिष्ठा से विभूषित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। प्रभु श्रीराम के आशीष से हमारा यह प्रयास भी अवश्य सफल होगा।

प्रधानमंत्री जी ने हमें 'सबका साथ-सबका विकास सबका विश्वास का पाथेय प्रदान किया है। आज जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार चार वर्ष पूरे कर रही है तो मुझे व्यक्तिगत प्रसन्नता है कि हम इसी पाथेय के अनुरूप अपनी नीतियों को क्रियान्वित करने में सफल रहे हैं। हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी इस बात को मानते हैं कि बीते चार सालों में एक भी ऐसी योजना नही शुरू हुई जो किसी जाति, धर्म, पथ, मजहब के आधार पर विभेद करती हो। कुछ समय पूर्व जब हम उत्तर प्रदेश को संभावनाओं वाला प्रदेश कहते थे तो कुछ लोग कहते थे यहा कुछ नहीं हो सकता, लेकिन लोक कल्याण के सकल्प की शक्ति के बूते आज उतर प्रदेश के सपने साकार हो रहे हैं। पिछले चार साल में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है। चार साल पहले जिस प्रदेश को देश और दुनिया में बीमारू कहा जाता था, जहां युवा पलायन को मजबूर था, आज उसकी प्रगति और उसकी नीतिया अन्य राज्यों के लिए उदहारण बन रही हैं। राज्य वही है, संसाधन वही हैं, काम करने वाले वही हैं, बदली है तो बस कार्यसंस्कृति। यही प्रतिबद्धतापूर्ण, समर्पित भावना वाली पारदर्शी कार्यसस्कृति इस नए उतर प्रदेश की पहचान है।

चुनौतिया कितनी बड़ी क्यों न हों, मार्ग कितना भी दुष्कर क्यों न हो, लोक कल्याण के सकल्प पथ पर सिद्धि की ओर यह यात्रा इसी प्रकार गतिमान रहेगी।
सागर की अपनी क्षमता है
पर मांझी भी कब थकता है
जब तक सांसों में स्पन्दन है
उसका हाथ नहीं रुकता है

मां भारती हमारा पथ प्रशस्त करे...

 -योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश

(यह लेख आज राष्ट्रीय सहारा अखबार में  प्रकाशित हुआ था)

11 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (21-03-2021) को    "फागुन की सौगात"    (चर्चा अंक- 4012)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
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    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
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    1. आपका बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी🙏

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  2. समसामयिक और सार्थक लेख, सादर शुभकामनाएँ शुभम जी,समय मिले तो ब्लोग पर अवश्य पधारें।

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  3. बहुत धन्यवाद आपका। बिल्कुल...!🌻
    स्वागत है आपका ब्लॉग पर।

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  4. सामायिक आंकड़े श्रमसाध्य।
    विस्तृत जानकारी देती पोस्ट।
    अप्रतिम।

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  5. यूपी में हालात पहले से बढ़िया हैं। हर क्षेत्र में तस्वीर बदल रही है। योगी जी के प्रयास सरहानीय है। पश्चमी उत्तर प्रदेश के लोग कानून व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नजर आते हैं।

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    1. धन्यवाद वीरेंद्र जी महत्वपूर्ण टिप्पणी के लिए..।

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  6. दृढ़ संकल्प ही पथ प्रशस्त कर रहा है ।

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    1. जी हा, बिल्कुल सही कहा आपने।

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