Tuesday, July 14, 2020

सुदामा की रक्षा केवल श्रीकृष्ण कर सकते है

 लेेखक:- शिवम कुमार पाण्डेय

(कलयुगी बहरूपिया जो खुद को भगवान वासुदेव समझ रहा है और साइकिल के पहिए को अपने अंगुलियों से नचाता हुआ दिखाकर लोगो को भ्रमित करता हुआ कि देखो ये " मेरा सुदर्शन चक्र")

जातिवाद और परिवारवाद कि राजनीति से पूरे उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने वाले ये तथाकथित सेक्युलर समाजवादियों की अभी तक बुद्धि नहीं खुली है। ये फिर से जातिवाद का नंगा नाच करनें में लगे हुए है। हाल ही में हुए एक अपराधी के एनकाऊंटर को ये लोग जातिवाद का कोण देने में लगे हुए है। हद तो तब हो गई जब ये खुद तुलना भगवान श्रीकृष्ण से और मारे गए कुख्यात अपराधी कि तुलना सुदामा से करने में लगे हुए है मतलब इनका कहना ये है कि "सुदामा की रक्षा केवल श्रीकृष्ण कर सकते है"। इनके इस कथन में जातिवादी मानसिकता का क्रूर रूप नजर आ रहा है जो समाज का सिर्फ विनाश ही कर सकता है। अपराधियों को निर्दोष बताते हुए भी तनिक भी लज्जा नहीं आई इन बेशर्मो को उन आठ शहीद पुलिसकर्मियों की आत्मा भी इनको कोस रही होगी। आज कल ये समाजवादी योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी कहते हुए दिख जाएंगे पर ये वो ही लोग है जो कुछ दिन पहले  तक सरकार को ब्राह्मणवादी कह कर विरोध कर रहे थे। इनकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है जब ये सरकार में थे यूपी की शिक्षा व्यस्था और कानून व्यस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर के रख दिया था। आजकल ये भगवान श्रीकृष्ण का नाम लेके अपने जातिवाद की राजनीति को हवा दे रहे है जब बात मथुरा कृष्ण जन्मभूमि  की बात आ जाय तो सेक्योरलिजम का नंगा नाच करने लग जाते है। जब कारसेवकों पर गोलियां चलवाने में इनके हाथ नहीं कांपे तो अपराधियों को निर्दोष साबित करना कौन सी बड़ी बात है इनके लिए। इन बहरूपियों को देखकर पौंड्रक की कहानी याद आ जाती है। पौंड्रक खुद को श्रीकृष्ण बताने वाले राजा पौंड्रक की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। नकली सुदर्शन चक्र, शंख, तलवार, मोर मुकुट, कौस्तुभ मणि, पीले वस्त्र पहनकर खुद को कृष्ण कहता था। पौंड्रक की हर गलतियों के लिए लोग श्रीकृष्ण को जिम्मेदार ठहराने लगे थे। इस बीच पौंड्रक ने श्रीकृष्ण को युद्ध की चुनौती दे डाली। इसके बाद युद्ध हुआ और पौंड्रक का वध कर श्रीकृष्ण पुन: द्वारिका चले गए। इसी कहानी से समझिए कि "चारो तरफ  फैलाते अंधेरा है, समाजवाद की आड़ में जालिमों का पहरा है"।

3 comments:

  1. समजवादियो का झंडा फट के चरर.. हो गया है। यूपी तक सीमित रहने वाली पार्टी विलुप्त होने के कगार पर है..

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  2. इनकी धज्जियां उड़ गई है पर अभी तक आईठन नहीं गया है।

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  3. बिल्कुल सही लिखा आपने शानदार इनकी इसी तरह पोल खोलते रहिए।

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