उपरोक्त शब्द आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हैं जो उन्होंने बिहार के मधुबनी में अपने भाषण के दौरान कहा था। साफ संदेश था कि भारत उन आतंकियों को खोजेगा, सजा देगा, उन्हें समर्थन देने वालों को भी नहीं बख्शेगा। हुआ भी ऐसा ही की पूरा विश्व सन्न रह गया ।
इस इस्लामिक आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी था और भारत सरकार और सेना इसके लिए प्रतिबद्ध है। इन इस्लामिक आतंकवादियों ने मोदी को चुनौती दी थी कि पहलगाम में हमले में की "जाओ जाकर मोदी को बता देना" इसका बदला तो एयरफोर्स के "ऑपरेशन सिंदूर" से ही बनता था।
मोदी ने आतंकियों को कल्पना से बड़ी सजा देने का वादा पूरा किया। छह-सात मई की आधी रात 1:5 से लेकर 1:30 बजे के बीच शुरू किए गए 'आपरेशन सिंदूर' ने अपने सौ फीसद लक्ष्यों को हासिल किया है।
भारत ने इन ठिकानों को लक्ष्य बनाया (तस्वीर ऊपर)
1. मरकज सुभान अल्लाह बहावलपुर, पाकिस्तान, 2. मरकज तैयबा, मुरीदके 3. सरजाल सियालकोट 4. मेहमोना जोया सियालकोट 5.बरनाला भिम्बर (पीओके) 6. अब्बास कोटली (पीओके) 7. गुलपुर कोटली (पीओके) 8. सवाई नाला मुजफ्फराबाद 9- सईदना बिल्ल मुजफ्फराबाद (पीओके)
हमला इतना जोरदार था कि सबूत गैंग की हिम्मत नहीं हुई सबूत मांगने की क्योंकि पाकिस्तानी इस बार खुद वीडियो बनाकर फोटो खींचकर सबूत दिए हैं। हमला इतना ताबड़तोड़ और सटीक हुआ कि सभी आतंकी ठिकाने ध्वस्त हुए हैं। सैकड़ों आतंकी बहत्तर हूरों के पास पहुंचा दिए गए हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने कबूल किया कि बहावलपुर में उसके संगठन के मुख्यालय पर भारतीय मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए हैं।
अजहर के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया कि बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुब्हानअल्लाह पर हमले में मारे गए लोगों में जैश सरगना की बड़ी बहन और उसका पति, एक भांजा और उसकी पत्नी, एक भांजी और परिवार के पांच अन्य बच्चे शामिल हैं। बयान में कहा गया कि हमले में अजहर के एक करीबी सहयोगी और उसकी मां तथा दो अन्य करीबी साथियों की भी जान चली गई। इसमें कहा गया कि क्रूरता के इस कृत्य ने सारी हदों को पार कर लिया है। अब दया की कोई उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। अजहर को 1999 में विमान आइसी-814 के अपहृत यात्रियों की रिहाई के ऐवज में जेल से छोड़ा गया था। उसके बाद से बहावलपुर जैश का अड्डा बना हुआ था। संयुक्त राष्ट्र ने मई 2019 में अजहर को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित किया था। तब चीन ने जैश प्रमुख को आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अपनी रोक को हटा लिया था। उस समय नई दिल्ली ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र से इस बाबत संपर्क किया था लोगों की जाने लेने वाला ये मजहबी कट्टरपंथी रो रहा था कि इस हमले में इसकी भी जान क्यों नहीं चली गई।
बात साफ है इस बार के हमले में प्यादे ही नहीं बल्कि बड़े बड़े कमांडर्स भी मारे गए हैं। इस्लामिक आतंकवाद की कमर तोड़नी है अगर तो ऐसे ही हमले होते रहने चाहिए। अधिकारियों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तानी हवाई सीमा पार किए पीओजेके में इन नौ महत्त्वपूर्ण स्थलों पर बड़ी संख्या में आतंकवादी मौजूद थे। इन हमलों के दौरान बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
पाकिस्तानी सेना और वहां की सरकार का चरित्र उजागर हुआ जो कहते थे आतंकवाद और आतंकियों से उनका कोई लेना देना नहीं है और उनके जनाजे में फातिहा पढ़ने निकल गए थे खुलेआम दुनिया के सामने है सब कुछ। बौखलाहट में पाकिस्तानी सेना लगातार दसियो दिनों तक सीजफायर का उल्लंघन करने में लगी हुई थी जब ये 9 ठिकानों पर हवाई हमला हुआ तो ये बौखला गए और इन्होंने आम नागरिकों पर हमला करना शुरू कर दिया ।भारतीय सेना ने इन सबका मुंह तोड़ जवाब भी दिया गया । जवाबी कार्रवाई में इनके लगभग चालीस सैनिक मार गिराए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री (बीच में), भारतीय सेना अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी (बाएं) और भारतीय वायु सेना अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह (दाएं) बुधवार, 7 मई, 2025 को नई दिल्ली में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा पाकिस्तानी नियंत्रित क्षेत्र में कई स्थलों पर मिसाइलों से हमला करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ एक मीडिया ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों- सेना की सिग्नल कोर की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की हेलिकाप्टर पायलट विंगड कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि सशस्त्र बलों ने इन स्थानों पर संचालित हो रहे आतंकी शिविरों के बारे में "गुप्त खुफिया जानकारी" के आधार पर पाकिस्तान में 4 और पीओके में 5 स्थानों को चुना। पाकिस्तानी सशस्त्र बल के प्रवक्ता ने बीबीसी को दिए साक्षात्कार में पुष्टि की कि भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और मुरीदके को निशाना बनाया। ऑपरेशन के दौरान लाहौर से लगभग 30 किलोमीटर दूर मुरीदके मुख्य ठिकाने पर लगातार चार बार हमला किया गया। मुरीदके 1990 से आतंक का गढ़ है, जहां अजमल कसाब और नौ अन्य आतंकियों को मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले से पहले प्रशिक्षित किया गया था।
इसके अलावा, 26/11 हमले के आरोपी डेविड हेडली और तहव्वुर राणा भी वहां गए थे। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में 2011 में मारे गए अल कायदा के आतंकवादी ओसामा बिन लादेन ने मुरीदके में एक अतिथिगृह के निर्माण के लिए 10 लाख रुपए का दान दिया था। हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा ने जम्मू-कश्मीर, बंगलुरु और हैदराबाद समेत देश के कई अन्य हिस्सों में भी आतंकवादी हमले किए है। मुरीदके में स्थित तैयबा के मरकज (केंद्र) को 'आतंक की फैक्ट्री' कहा जाता है, यह लश्कर-ए-तैयबा का सबसे महत्त्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र है। यहां भर्ती किए गए लोगों को बरगलाया और प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस शिविर में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लगभग 1,000 छात्र नामांकित हैं। दूसरा बड़ा लक्ष्य बहावलपुर था, जो 1999 में आइसी-814 के अपहृत यात्रियों के बदले मसूद अजहर की रिहाई के बाद जैश-ए-मोहम्मद का केंद्र बन गया था। यह समूह भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिसमें 2001 में संसद पर हमला, 2000 में जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला, 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हमला और 2019 में पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जा चुके अजहर को अप्रैल 2019 के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। अजहर ने जनवरी 2000 में आतंकवादी संगठन शुरू किया था और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ), अफगानिस्तान में तत्कालीन तालिबान नेताओं, बिन लादेन और पाकिस्तान में सुन्नी सांप्रदायिक संगठनों से उसे सहायता मिली थी। बहावलपुर में मरकज सुब्हानअल्लाह वह जगह है जहां जैश-ए-मोहम्मद अपने लड़ाकों को
प्रशिक्षित करता है और उन्हें अपने विचारों से प्रेरित करता है। अधिकारियों ने बताया कि फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले की योजना इसी शिविर में बनाई गई थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हुई थी।
अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के पंजाब के नारोवाल जिले के सरजाल तेहरा कलां में जैश-ए-मोहम्मद का शिविर आतंकी समूह का केंद्रीय ठिकाना था और इसका संचालन एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से किया जा रहा था, जिसकी देखरेख शिविर का वास्तविक प्रमुख अब्दुल रऊफ असगर करता था। जम्मू के सांबा सेक्टर से सिर्फ छह किलोमीटर दूर स्थित इस जगह का उपयोग स्थानों की पहचान करने, घुसपैठ के लिए सीमा पार सुरंग खोदने और सीमा पार हथियार व नशीले पदार्थ भेजने के ड्रोन के संचालन के लिए किया जाता है। अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए बुधवार को किए गए आपरेशन के तहत निशाना बनाए गए अन्य ठिकानों में कोटली में मरकज अब्बास और पीओजेके के मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल शिविर (सभी जैश-ए-मोहम्मद के शिविर) शामिल हैं। इसके अलावा, बरनाला में मरकज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद में शवावाई नाला शिविर (सभी लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित) और कोटली में मरकज राहिल शाहिद और सियालकोट में (प्रतिबंधित हिज्बुल मुजाहिदीन के) महमूना जोया को भी निशान बनाया गया।
पीओजेके के मुजफ्फराबाद में शवाई नाला शिविर एक महत्त्वपूर्ण लश्कर शिविर है, जहां 26/11 के हमलावरों को प्रशिक्षण दिया गया था।
2000 में शुरू हुए इस शिविर में पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के अधिकारी अक्सर आते रहते हैं, जहां एक समय में 200-250 आतंकवादी रह सकते हैं। इन शिविरों से आतंकवादी मुख्य रूप से दक्षिणी कश्मीर में घुसपैठ करते हैं। पीओजेके के कोटली में स्थित मरकज अब्बास शिविर को इसलिए चुना गया क्योंकि इसका नेतृत्व असगर का करीबी सहयोगी कारी जरार कर रहा हैं और यहां जैश-ए-मोहम्मद के 100-125 आतंकवादी मौजूद हैं। एनआइए ने जरार को वांछित घोषित कर रखा है। अधिकारियों के अनुसार, मुजफ्फराबाद में स्थित मरकज सैयदना बिलाल के नाम से मशहूर जैश-ए-मोहम्मद के एक और शिविर में 50-100 आतंकवादी मौजूद हैं।
भारत को तमाम देशों से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए समर्थन मिला है। तुर्की ने खुलेआम पाकिस्तान का समर्थन किया है। जिसका खामियाजा तो तुर्की को भुगताना ही है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जियान लिन जियान ने कहा था चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। बाद में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से बातचीत में कहा था कि बीजिंग “पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता” का समर्थन करता रहेगा" बात ये है कि चीन के भी डिफेंस सिस्टम की पोल खुल गई है एक तरह से जैसे तुर्की साथ ही CPEC को चीन की चिंता सब जानते हैं । खैर हमले के बाद तो चीन ,रूस , कतर और संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने की बात की थी तो ब्रिटेन और ईरान ने मध्यस्थता की पेशकश की। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव के जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि दोनों देश 'कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए।'
हवाई हमले के तुरंत बाद तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैयप अर्देआन ने पाकिस्तान के प्रति समर्थन जताया तो वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे 'अफसोसजनक' कहा। इस बीच इस्राइल ने कहा कि वो भारत के साथ है।
ड्रोन और मिसाइल हमले
सात मई के बाद से ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से सटी नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी बढ़ा दी और भारत ने कहा कि इस गोलाबारी में उसके 16 नागरिक मारे गए जबकि कई लोग भायल हो गए। आठ मई की रात सीमाई इलाकों में भारी गोलाबारी के बीच लोगों की रात गुजरी। पाकिस्तान से सटे भारत के सीमावर्ती इलाकों में रात को सायरन गूंजे और व्यापक पैमाने पर ब्लैक आउट रहा।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'जम्मू पठानकोट और उधमपुर के मिलिट्री बेस पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल अटैक किए गए। इन हमलों को नाकाम कर दिया गया।' यहां तक कि इस दौरान धर्मशाला में चल रहे आईपीएल मैच के बीच ही फ्लड लाइट्स को बंद कर दिया गया और मैच रोक दिया गया।
नौ मई को भारत के विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि आठ मई की रात भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे को पाकिस्तान ने 300 से 400 ड्रोन्स के जरिए निशाना बनाया। इस दौरान स्थानीय मीडिया में मिसाइलों से हमले की खाबरें आईं। कर्नल सोफिया ने कहा कि आठ मई की रात पाकिस्तान ने 36 स्थानों पर ड्रोन से घुसपैठ की कोशिश की थी।
हालांकि बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों के कुछ देर बाद ही बीबीसी से बात करते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन हमलों से इनकार किया था। लेकिन विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीते 24 घंटों में पाकिस्तान की ओर से की गई कार्रवाई का जवाब देने की बात कही। भारतीय सेना ने भी कहा कि बीती रात हुए पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों को निष्क्रिय किया गया।
•शुरुआती जांच में यह सामने आया कि ये ड्रोन तुर्किये के थे जिन्हें भारतीय सेनाओं ने नष्ट कर दिया
•विदेश सचिव विक्रम सचिव ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान नागरिक उड़ानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
• इस दौरान कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान ने अपनी गैर जिम्मेदाराना हरकतें नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने बताया कि सात मई को पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र नागरिक विमानों के लिए बंद नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इन उड़ानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने इसे लेकर एक उड़ान का ब्योरा भी दिया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि आठ-नौ मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तानी सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इरादे से पूरी पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुक्षेत्र का कई बार उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारी हथियारों से गोलीबारी भी की।
•मिसरी ने कहा कि इन हमलों का पाकिस्तान द्वारा आधिकारिक और स्पष्ट रूप से हास्यास्पद खंडन उसके कपट का उदाहरण है।
•कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान ने रात साढ़े आठ बजे मिसाइल और ड्रोन हमला किया और उस दौरान अपना 'एअर स्पेस' बंद नहीं किया और नागरिक उड़ानों का इस्तेमाल ढाल के लिए किया।
उन्होंने बताया कि पंजाब सेक्टर में उच्च हवाई सुरक्षा सतर्कता के दौरान हमारा 'एअर स्पेस' नागरिक उड़ानों के लिए बंद है, लेकिन पाकिस्तान के इलाके में नागरिक उड़ानें चल रही थीं। पाकिस्तान का नागरिक विमान दमम से उड़ान भरकर लाहौर तक गया। भारतीय वायुसेना ने अपनी प्रतिक्रिया में संयम दिखाया और अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमान सेवा की सुरक्षा तय की।
•कर्नल सोफिया ने बताया कि रात में पाकिस्तान के सशस्त्र मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) ने बठिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश भी की जिसे नष्ट कर दिया गया। इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में चार हवाई रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन से हमले किए। इनमें से एक ड्रोन एडी रडार को नष्ट करने में सक्षम रहा। कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के तंगधार, उरी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अखनूर और उधमपुर में भारी कैलिबर आर्टिलरी गन और सशस्त्र ड्रोन का उपयोग करके नियंत्रण रेखा के पार गोलीबारी भी की। इसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना के कुछ जवान हताहत हुए और घायल हुए। भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है।
तनाव चरम पर
•10 मई को जी-7 देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम रखने और सीधी बातचीत करने का आग्रह किया था। शनिवार को पाकिस्तानी फौज के जनसंपर्क विभाग ने ऐलान किया कि उन्होंने भारत के खिलाफ जवाबी हमला शुरू कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत पर उसके तीन सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था। पाकिस्तान ने जिन ससैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाए जाने का दावा किया उनमें से एक रावलपिंडी का नूर खान है जो कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 10 किलोमीटर दूर है।
•पाकिस्तान की फौज के जनसंपर्क विभाग आईएसपीआर के मुताबिक, पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन बुनयान मरसूस' का नाम दिया। एक समय लग रहा था कि हालात और बिगड़ने जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट आया जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी गई थी। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसहाक डार और भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस खबर की पुष्टि की गई। हालांकि भारतीय सेना ने सीजफायर की घोषणा के साथ ही कहा, 'सेना सीजफायर को लेकर बनी सहमति का पालन करेगी, लेकिन भारत की संप्रभुता बनाए रखने के लिए सेना 'सतर्क' रहेगी। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि शनिवार शाम पांच बजे से दोनों देश सैन्य कार्रवाई और फायरिंग को बंद करने पर सहमत हुए हैं, और दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस 12 मई को फिर से बात हुई।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया 'दोनों देश पूर्ण और तत्काल सीजफायर के साथ किसी निष्पक्ष जगह व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर रजामंद हो गए है।' हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बातचीत की रूपरेखा क्या होगी।
संघर्ष विराम के घोषणा के बाद भी पाकिस्तानी सेना का हमला जारी रहा जिसका उचित कार्रवाई से भारतीय सेना ने दिया।
स्रोत: अमर उजाला 11मई 2025
ट्रंप अब तक छ अलग अलग बयान दे चुके हैं और अपनी खिल्लियां उड़वा चुके हैं न इससे पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस किसी भी तरह के दखल से इनकार किया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता संबंधी बयान को लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की। साथ ही कहा कि वह किसी भी बात का श्रेय लेने के इच्छुक नेता हैं। थरूर ने यह भी कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच गलत तुलना की। उनके द्वारा एक पीड़ित और एक अपराधी को समान बताया जाना चौंकाने वाली बात है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने कहा था कि अगर वे श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें लेने दें, लेकिन हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि शांति पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध के बाद हुई। भारतको हां कहने में ज्यादा देर नहीं लगी क्योंकि हम कभी लंबा युद्ध नहीं चाहते थे। तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा कि हमने सात मई को यह स्पष्ट कर दिया था कि हमने पहलगाम हमले के बदले में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। अब देखा जाए शशि थरूर एक डिप्लोमेटिक व्यक्ति हैं देश के लिए इनकी नीतियां काम देती हैं बाकी कांग्रेसी और विपक्षी नेताओं का क्या वो हर जगह अपनी सड़ी हुई राजनीति में लगे रहते हैं।
भोलारी एयरबेस पर बमबारी में स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ और 4 वायुसैनिकों सहित 50 से अधिक मारे गए। कई पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भी नष्ट कर दिए गए।
ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की तीनों सेनाओं ने मीडिया ब्रीफिंग की। इस ब्रीफिंग में एयर मार्शल एके भारती ने बताया, पाकिस्तान के जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी, फलौदी में भारतीय सेना ने हमला किया और टार्गेट ध्वस्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे ट्रेंड क्रू ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम से तबाह कर दिया। जबकि हमारी जमीन पर उनके लगातार हमलों से कोई नुकसान नहीं पहुंचा। उनके एयरबेस और पोस्ट पर लगातार हमले कर हमने उन्हें जवाब दिया। एयरमार्शल एके भारती ने आगे कहा कि, हमने वहां हमला किया जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो। कुछ प्रमुख बातें:
• डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "पिछले 3-4 दिनों से जो गतिविधियां चल रही हैं, वो किसी युद्ध से कम नहीं हैं। सामान्य परिस्थितियों में एक-दूसरे देशों की वायुसेनाएं हवा में उड़कर एक-दूसरे पर हमला नहीं करतीं...सामान्य परिस्थितियों में नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ आतंकवादियों द्वारा की जाती है। हमारे पास सूचना है कि नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ में पाकिस्तानी सेना भी शामिल हो सकती है, जो हमारी चौकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है..."
• एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि हमारा काम टार्गेट को ध्वस्त करना था, न कि लाशें गिनना। एयर मार्शल ने कहा, "हमने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन के ठिकानों पर वांछित असर हुआ। कितने लोग हताहत हुए? कितने घायल हुए? हमारा उद्देश्य हताहत करना नहीं था, लेकिन अगर हुए हैं, तो उन्हें गिनना उनका काम है। हमारा काम लक्ष्य को भेदना है, शवों की गिनती करना नहीं।'
• एयर मार्शल भारती ने कहा, 'भय बिनु होय ना प्रीति। हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री के साथ नहीं है। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया, तो हमने उसका जवाब दिया। अपनी सेना के नुकसान के लिए वह खुद जिम्मेदार है।'
• DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया तो सेना माकूल जवाब देगी। घई ने बताया कि हमारा उद्देश्य आतंकी शिविरों को ठिकाना बनाना था और बाद की हमारी कार्रवाई सिर्फ पाकिस्तान के उकसावे के जवाब में थी। इस वजह से पाकिस्तान के डीजीएमओ से उनकी पहल पर बातचीत की गई। हालांकि, अपेक्षित रूप से पाकिस्तान ने 10 मई को कुछ ही घंटों में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया। अगली बार संघर्ष विराम का उल्लंघन होने पर सेना के कमांडरों को जवाब देने की खुली छूट दी गई है।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, "मैंने नियंत्रण रेखा पर 35-40 पाकिस्तानी जवानों के मारे जाने का उल्लेख किया है और कृपया याद रखें कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था, तो पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया भी भारतीय सेना या भारतीय सशस्त्र बलों के बुनियादी ढांचे पर थी। हमारे लक्ष्य आतंकवाद था और बाद में, जब उन्होंने हमारे बुनियादी ढांचे पर हवाई घुसपैठ और हवाई अभियान शुरू किए, तो हमने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया। इसमें लोग हताहत हुए होंगे, लेकिन उनका अभी भी आकलन किया जा रहा है।"
• मीडिया ब्रीफिंग के दौरान वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि भारतीय नौसेना की जबरदस्त ताकत देख पाकिस्तान को युद्ध विराम के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें कि भारत ने कराची को निशाने पर रखते हुए अरब सागर में INS विक्रांत को तैनात कर दिया है। वाइस एडमिरल ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार अगर पाकिस्तान कोई कार्रवाई करने की हिम्मत करता है, तो पाकिस्तान जानता है कि हम क्या करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र को संबोधन
12 मई रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र को संबोधित किया था जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था। इस 22 मिनट में भाषण में मोदी जी वो सबकुछ जो लोग सुनना चाहते थें। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
• आज, हर आतंकवादी हमारी बहनों और बेटियों के माथे से सिंदूर पोंछने के परिणामों को जानता है।
•ऑपरेशन सिंदूर न्याय के लिए एक अटूट प्रतिज्ञा है
• आतंकवादियों ने हमारी बहनों के माथे से सिंदूर पोंछने का साहस किया; इसीलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही नष्ट कर दिया।
• पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं पर हमला करने की तैयारी की थी, लेकिन भारत ने उन्हें उनके मूल में मारा।
• ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई को नए सिरे से परिभाषित किया है, एक नया मानदंड, एक नया सामान्य स्थापित किया है।
• यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन यह आतंकवाद का युग भी नहीं है । आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।
• आतंक और बातचीत एक साथ नहीं रह सकते, आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते और पानी और खून कभी साथ-साथ नहीं बह सकता।
• पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत आतंकवाद और पीओके पर केंद्रित होगी
• प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना अभियान स्थगित किया है तथा इस अभियान का भविष्य पड़ोसी देश के बर्ताव पर निर्भर करेगा। भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
•उन्होंने आगे कहा कि भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने हमारे मंदिर, गुरुद्वारे, स्कूल, कालेज और सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना बनाया। जिसके बाद उन्हें करारा जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत कोई भी परमाणु भयादोहन बर्दाश्त नहीं करेगा। परमाणु भयादोहन की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान के खिलाफ अभियान को केवल स्थगित किया है तथा भविष्य उनके व्यवहार पर निर्भर करेगा। 'आपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति है तथा अब एक नई रेखा खींच दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे ड्रोन और मिसाइलों के बारे में सोचकर तो पाकिस्तान को कई दिन तक नीद नहीं आएगी। मोदी ने कहा, आपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है। यह भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है ।
ऑपरेशन सिंदूर से क्या हासिल हुआ?
1. नौ आतंकवादी शिविर नष्ट किये गये: भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद तथा हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाकर नौ प्रमुख आतंकी लॉन्चपैडों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
2. सीमा पार सटीक हमले: भारत ने इंगेजमेंट के नियमों को पुनः परिभाषित किया, पाकिस्तान के अंदर घुस कर भीतर तक हमला किया, जिसमें पंजाब प्रांत और बहावलपुर भी शामिल हैं, जिन्हें कभी अमेरिकी ड्रोनों के लिए भी पहुंच से बाहर माना जाता था। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आतंकवाद वहां से उत्पन्न होता है तो न तो नियंत्रण रेखा और न ही पाकिस्तानी क्षेत्र कार्रवाई से अछूता रहेगा।
3. एक नई रणनीतिक लाल रेखा: ऑपरेशन सिंदूर ने एक नई लाल रेखा खींच दी है- अगर आतंकवाद किसी देश की नीति है, तो इसका स्पष्ट और सशक्त जवाब दिया जाएगा। इसने निवारण से प्रत्यक्ष कार्रवाई की ओर बदलाव को चिह्नित किया।
4. आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के लिए समान दंड: भारत ने आतंकवादियों तथा उनके सहयोगियों के बीच कृत्रिम अलगाव को खारिज कर दिया और दोनों पर एक साथ प्रहार किया। इससे कई पाकिस्तानी आतंकवादियों को मिलने वाली दंडमुक्ति की सुविधा समाप्त हो गई।
5. पाकिस्तान की वायु रक्षा कमजोरियों का खुलासा: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की चीनी आपूर्ति वाली वायु रक्षा प्रणालियों को दरकिनार कर दिया और उन्हें जाम कर दिया, राफेल जेट, एससीएएलपी मिसाइलों तथा हैमर बमों का उपयोग करके केवल 23 मिनट में मिशन पूरा किया गया, जिससे भारत की तकनीकी बढ़त का प्रदर्शन हुआ।
6. भारत की वायु रक्षा श्रेष्ठता प्रदर्शित: भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। जिसमें स्वदेशी आकाशतीर प्रणाली भी शामिल है। इस बहुस्तरीय व्यवस्था ने उन्नत रक्षा प्रणालियों के निर्यात में भारत की बढ़ती क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया।
7. बिना किसी प्रसार के सटीकता: भारत ने नागरिक या गैर-आतंकवादी सैन्य स्थलों को लक्ष्य बनाने से परहेज किया, जिससे आतंकवाद के प्रति उसकी शून्य-सहिष्णुता का प्रदर्शन हुआ और साथ ही स्थिति को शुद्ध रूप से युद्ध में बदलने से रोका गया।
8. प्रमुख आतंकवादी कमांडरों का खात्मा: भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल कई हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को एक ही रात में ढेर कर दिया गया, जिससे प्रमुख ऑपरेशनल मॉड्यूल चरमरा गए हैं।
9. पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हवाई हमले: भारत 9-10 मई को एक ही ऑपरेशन में परमाणु हथियार संपन्न देश पाकिस्तान के 11 एयरबेसों पर हमला करने वाला पहला देश बन गया, जिससे पाकिस्तानी वायुसेना की 20% संपत्ति नष्ट हो गई। भूलारी एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ की मौत और प्रमुख लड़ाकू विमानों का नष्ट होना शामिल है।
10. समन्वित त्रि-सैन्य कार्रवाई – भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने पूर्ण समन्वय के साथ काम किया, जिससे भारत की बढ़ती संयुक्त सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हुआ।
11. एक वैश्विक संदेश प्रसारित – भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि उसे अपने देशवासियों की रक्षा के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। इसने इस तथ्य को पुष्ट किया है कि आतंकवादी व उनके मास्टरमाइंड कहीं भी छिप नहीं सकते हैं और यदि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करता है, तो भारत निर्णायक जवाबी हमले के लिए बिलकुल तैयार है।
12. व्यापक वैश्विक समर्थन – पिछले संघर्षों के विपरीत, इस बार कई वैश्विक नेताओं ने संयम बरतने का आह्वान करने के स्थान पर भारत का समर्थन किया। इस बदलाव ने भारत की बेहतर वैश्विक स्थिति और नैरेटिव कंट्रोल को दर्शाया है।
13. कश्मीर के कथानक को नए सिरे से गढ़ा गया – पहली बार भारत की कार्रवाइयों को पूरी तरह से आतंकवाद विरोधी नजरिए से देखा गया, जिसमें कश्मीर मुद्दे को पूरी तरह से हमले की विषय-वस्तु से अलग रखा गया। यह ऑपरेशन सिंदूर की सटीकता और स्पष्टता से ही संभव हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर ने दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक और सामरिक परिदृश्य को एक नया आकार दिया है। यह केवल एक सैन्य अभियान नहीं था, बल्कि भारत की संप्रभुता, संकल्प और वैश्विक प्रतिष्ठा का बहुआयामी प्रस्ताव था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत ने एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिसमें संयम के साथ सामर्थ्य और सटीकता के साथ उद्देश्य का मिश्रण देखने को मिलता है। भारत ने आतंकी नेटवर्क और उनके राष्ट्रीय प्रायोजकों को अभूतपूर्व स्पष्टता के साथ निशाना बनाकर एक कड़ा संदेश दिया है: आतंकवाद का त्वरित और आनुपातिक जवाब दिया जाएगा, चाहे सीमाएं या कूटनीतिक जटिलताएं कुछ भी हों।
(स्रोत : PIB , जनसत्ता, अमर उजाला,राष्ट्रीय सहारा, PTI,ANI रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय आदि)