भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ विनय पी सहस्त्र बुद्धे का 5 फरवरी 2021 को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर दिए गए भाषण को ब्लॉग पर प्रकाशित किया गया है।
हमारे कृषि मंत्री ने 11-12 बार उनके साथ बातें शुरू की हैं और अभी भी हम बात करने के लिए तैयार हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आप थोड़ा-बहुत भी लचीलापन न दिखाएं। हमने तो लचीलापन दिखाया है। हमने कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया है, शायद पहली बार सरकार ने इस पद्धति का रवैया अपनाया होगा। आप भी ऐसा करिए। सभी आंदोलनकर्ताओं के प्रति हमारे मन में सम्मान की भावना है, आदर की भावना है, किसी को उसके बारे में गलत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि इस सदन को कोई बपोती समझ ले। यह जनतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति नुकसानदेह बात होगी, इसका भी एहसास हम सबको होना चाहिए। जो सबसे पिछड़े जिले थे, उनको हम बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट्स कहते थे, हमने उनको एसपिरेशन जिलों में परिवर्तित किया है और यह केवल शब्दों का खेल नहीं है, उसके लिए काफी कुछ काम भी किए हैं। सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट के बारे में जहां से खनिज निकलता है, वहां पर जो राशि मिलती है, 'वह रकम वहां के जिले के अधिकार में दी गई है. यह सत्ता का विकेन्द्रीकरण है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किस राज्य में किसकी सत्ता है, यह विषय नहीं है, यह सुशासन है। गृह मंत्रालय की एक वार्षिक रिपोर्ट में यह कहा गया था कि 2010 में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंसिडेंट्स की संख्या 2,213 थी जो कि घटकर अब 230 तक आई है। जब मैं सुरक्षा की बात करता हूँ तब स्वाभाविक रूप में सुरक्षा संसाधन का भी विषय आता है। हम सबको पता है कि सरकार ने जिस पद्धति से आर्थिक मोर्चे पर काम किया है, वह सराहनीय है। विगत छह सालों में हमने विदेश नीति के क्षेत्र में भी काफी अच्छा काम किया है।चाहे वह वैक्सीन कूटनीति हो या सॉफ्ट पावर बढ़ाने की बात हो, मैं मानता हूँ कि इन सारे विषयों की ओर इस देश ने बहुत अच्छे तरीके से ध्यान देने की दिशा में अग्रसर होने का प्रण किया है। महात्मा गाँधी जी के 150वें जन्म जयंती के कार्यक्रम के अवसर पर "वस्त्र परंपरा के माध्यम से संबंधों में प्रगाढ़ता के रूप में एक वेबिनार का आयोजन किया गया था, जिसमें भूटान की महारानी, कोरिया की फर्स्ट लेडी और बंगलादेश के वस्त्र मंत्री भी आए थे। हम वस्त्र जैसी कला के माध्यम से भी विश्व में अपने संबंधों को और उजागर करना चाहते हैं भारत में पढ़ कर विदेश में गए छात्र वहां बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं इन सबके लिए हमने भारतीय विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्रों का संघ आयोजित किया है। हम विकासपरक राजनय का सहारा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की हमारी धारणा है। विपदा के हमारे मित्र कहते हैं कि इजराइल के साथ मित्रता न करो, फिलिस्तीन नाराज होगा। हम दोनों देशो के साथ मित्रता कर सकते हैं जब बजट में पब्लिक सेक्टर के बैंकों के बारे में चर्चा चली, तो लोगों ने कहा कि घर की चांदी बेच रहे हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश घर का एल्युमिनियम निकला है अगर हम इस तरीके से लोकलुभावनवाद का सहारा न लेते हुए आगे बढ़ेंगे, तो हम देश में कई दृष्टि से सुधारों के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं। हमने विश्व के सारे समुदायों को साथ में लिया, चाहे वह इस्लामी देशों का संगठन हो। खाड़ी देशों में माननीय प्रधान मंत्री जी को जितने पुरस्कार और सम्मान मिले इससे पहले हमारे किसी भी प्रधान मंत्री को उन देशों के द्वारा इस तरह से सम्मानित नहीं किया गया होगा। जम्मू-कश्मीर में सेब के व्यापार को नैफेड से जोड़ कर वहां के किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि से हमने नए-नए प्रयास किए हैं हमने रक्षा सेना प्रमुख के पद का सृजन किया, जिससे काफी अच्छे परिणाम निकल कर आ रहे हैं 'आत्मनिर्भर भारत' की दृष्टि से 'आत्मनिर्भर रक्षा संपदा', हम इस विषय पर भी काम कर रहे हैं। सेना में महिलाओं की सहभागिता को भी हम अत्यधिक महत्व दे रहे हैं। हम सभी का साथ चाहते हैं, सभी का विकास चाहते हैं और सभी का विश्वास चाहते हैं। आत्मनिर्भता की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं और बदलाव का जो बैकलॉग रहा है, उसको दूर करने की दिशा में हम अग्रसर हैं।
सटिक विश्लेषण ।
ReplyDeleteजी हा,अमृता जी। टिप्पणी के लिए आपका बहुत आभार।
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