यानी इस शब्द से फल भगवान और एक जिला निकलता है.... गर्मियों में घाम चाहे जितना लगे लोग आम दबाकर चूसते है खाते है बिना रुके थके .... हापुस चौसा लंगड़ा दशहरी, खाईब पूरा दोपहरी...
रही बात आरा जिला की तो एक नवयुवती के "लिपस्टिक" लगाने पर हिलने लगती है ... भोजपुरी के महान कलाकार पवन सिंह के गाएं है "जब लगावे लू लिपिस्टिक हिलेला आरा डिस्ट्रिक" इतना ही नही पूरा जिला हिलेगा तो भूकंप आ जाएगा न लेकिन फिर भी उस नवयुवती को जिला टॉपर बनाया जाता है... आदरणीय नीतिश कुमार जी को "लिपिस्टिक" पर प्रतिबंध लगाना चाहिए था ना की शराब पर....... इस बात को लेकर झूमने और चूमने वाले युवा क्रांतिकारियों में जबरदस्त भिड़ंत देखी गई है.....
एक आते है "राम" भगवान इनको कवनो फर्क ही नही पड़ा काटे कंकड़ पत्थर जंगल झाड़ी नग्न पैर चलते रहे है , जहा जहा गए छाप अपनी छोड़ते रहे ... बिना रुके बिना थके समुद्र से याचना किया , चाहते तो पहले ही तीर निकालकर चीर देते समुद्र को... लेकिन दिव्य शक्तियों का प्रयोग हर वक्त करने से मनुष्य "मरा" सिद्ध होता है, "राम" बनने के लिए पौरुष बल ही बड़ा होता है....सब्र और प्रतीक्षा बांध टूट गया जब "राम" के सामने तो ...प्रश्न उठता है यहां हम क्यों चले "आराम" करने।
ये शब्द "आराम" सुनने में ही अच्छा लगता है अब तो🙂
©शिवम कुमार पाण्डेय
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 07 सितम्बर 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपका बहुत आभार आदरणीय यशोदा जी🙏🌻
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-09-2022) को "गुरुओं का सम्मान" (चर्चा अंक-4545) पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी🙏🌻
Deleteई तो बहुत बढ़िया शोध कर दिए।
ReplyDeleteहा😅
Deleteव्यंग्य की बहुत बढ़िया शैली . पर लगा जैसे जल्दी समेट दिया
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय गिरिजा जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर🌻🙏
Deleteई आराम कुछ जल्दी आ गया । बेहतरीन ।
ReplyDeleteआपका बहुत आभार आदरणीय संगीता जी।🌻🙏
Deleteजबरदस्त व्यंग्य।
ReplyDeleteकम में बहुत कुछ कहा।
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय कुसुम जी।🙏🌻
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