राफेल को लेकर बड़ा बवाल हुआ भारत में तरह तरह के आरोप लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऊपर पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ा राफेल आखिकार भारत आ ही गया है। "चौकीदार चोर है" के शोर (झूठे शोर) को कौन भूल सकता है जो तथाकथित सेक्युलर, कांग्रेसियों , वामपंथियों और तमाम विपक्षी दलों ने मचाया था। कहने को यूपीए सरकार में देश आर्थिक तरक्की कर रहा था पर इनके रक्षा मंत्री एके एंटनी हमेशा कहते थे "we don't have Money" देश की रक्षा की बात आती थी तो यही उनके जुबान से निकलता था भले ही तमाम घोटालो में करोड़ों चट कर गए हो।
कांग्रेस ने राहुल गांधी को सर पर चढ़ा कर रखा हुआ है इसीलिए इतने सालो से वो अनाप- शनाप बके जा रहे थे राफेल को लेकर, देश को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी इन दो कौड़ी के संकीर्ण मानसिकता वालो ने। इन्होंने "एयर स्ट्राइक" पर सवाल खड़ा करके वायुसेना का मनोबल गिराने की कोशिश की यानि ये तो कभी चाहते ही नहीं है हमारे देश की वायुसेना मजबूत हो।
खैर जो भी अब "राफेल" के भारत आने से सबकुछ साफ हो गया है कि देश की सुरक्षा से अब कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।
देश में 5 राफेल लड़ाकू विमान आ गए हैं तो इस मौके पर 2016 में राफेल डील करने वाले तत्कालीन रक्षा मंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर को भी नहीं भूलना चाहिए।
बयानों पर एक नजर:-
राफेल की वजह से अगर किसी को हमारी नई क्षमता से चिंतित होना चाहिए तो उन्हें होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं। राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। मुझे बहुत खुशी है कि भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को सही वक्त पर मजबूती मिली है। _राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम, राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम। स्वागतम।
_नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने जो संस्कृत में कहा इसका अर्थ है, "राष्ट्र के समान कोई पुण्य नहीं है, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान को यज्ञ नहीं है, नहीं है, नहीं है।"
देखा जाए आज सही मायनों में भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य नभः स्पृशं दीप्तम यानी अंग्रेजी में लोग कहते है "TOUCH THE SKY WITH GLORY" आज इसमें और मजबूती आ गई है।
जय हिन्द !
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