Friday, May 21, 2021

जीवन का सार है वंदेमातरम!


                 (1)  
 मातृभूमि पर मेरा सबकुछ अर्पण 
इससे ही होगा मेरे पूर्वजों का तर्पण
निश्चल प्रेम छिपा है राष्ट्र की माटी में
लहराएगा भगवा तिब्बत की आज़ादी में
लाहौर कराची में परचम फहरा देंगे
सिंधु की प्यास रक्त से बुझा देंगे।।
गिलगिट से गारो पर्वत तक सिर्फ
भारत माता की जय के नारे होंगे...
खंडित भारत माता,स्वतंत्रता अधूरी है
महादेव का रुद्र अवतार जरूरी है।।

                (2)
हिंदू हु राजनीति का केंद्रबिंदु हु...
सदियों से लहूलुहान मेरे मां का आंचल..
क्या उत्तरांचल क्या हिमाचल...
खूनी संघर्षों से जूझता हिमालय
क्या मंदिर क्या देवालय...
काकोरम से कन्याकुमारी!
किसने पूछी हालत हमारी...
वो देखो रोती रक्त के 
आंसू माता हमारी...

          (3)
 हम कोई वक्त नहीं जो बदल जाएंगे
हे भारत माता तेरे ही गीत गाएंगे।
रक्त की एक-एक बूंद है वंदेमातरम
जीवन का सार है वन्देमातरम।।

16 comments:

  1. बहुत सुंदर।
    वंदेमातरम

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    1. आपका बहुत धन्यवाद तिवारी जी।
      वंदेमातरम!🌻♥️

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  2. बहुत बहुत सुन्दर रचना शिवमं जी ।

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    1. आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार आलोक जी🌻🙏

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  3. हम कोई वक्त नहीं जो बदल जाएंगे
    हे भारत माता तेरे ही गीत गाएंगे।
    रक्त की एक-एक बूंद है वंदेमातरम
    जीवन का सार है वन्देमातरम।।
    👌👌वाह! बहुत ही बेहतरीन और उम्दा रचना 👌👌👌

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  4. सच 'जीवन का सार है वन्देमातरम'
    यह एक शब्द भर नहीं देशप्रेम के जज्बे के हुंकार है

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  5. हम कोई वक्त नहीं जो बदल जाएंगे
    हे भारत माता तेरे ही गीत गाएंगे।
    रक्त की एक-एक बूंद है वंदेमातरम
    जीवन का सार है वन्देमातरम।।
    देशप्रेम से परिपूर्ण बहुत सुंदर रचना।

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    1. आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार ज्योति जी। स्वागत हैं आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।

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  6. देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत भावपूर्ण रचना ।

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    1. आपका बहुत आभार जिज्ञासा जी टिप्पणी करने के लिए।

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  7. राष्ट्रप्रेम के भाव से सुसज्जित सुन्दर रचना ।

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    1. आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी। स्वागत है आपका ब्लॉग पर।🌻

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