क्या कह रहे हो? क्या हुआ? आज कौन सा बड़ा दिन है? अरे इतना भी नहीं जानते हो भैया की आज ही के दिन नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 में "आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की थी। 77 साल पहले देश से बाहर बनी 'आज़ाद हिंद सरकार' अखंड भारत की सरकार थी, अविभाजित भारत की सरकार थी। ब्रिटिश राज का सर्वनाश करने के लिए नेताजी की भी हद तक जा सकते थे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को शामिल किए जाने का पुरजोर विरोध किया था जिसके बाद उन्हें जेल डाल दिया गया। उन्होंने ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया फिर क्या अंग्रेजो को थक हार के जेल से निकाल कर उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया था। नेताजी इसी दौरान ब्रिटिश हुकूमत के आंख में धूल झोंक कर भारत से जर्मनी भाग गए। वहां युद्ध का मोर्चा देखा और युद्ध लड़ने की ट्रेनिंग ली।
जहां उन्होंने हिटलर से मिलकर भारतीय युद्ध बन्दी सैनिकों की मदद से सेना का गठन किया था।
जर्मनी में रहने के दौरान उन्हें जापान में रह रहे आज़ाद हिंद फ़ौज के संस्थापक रासबिहारी बोस ने आमंत्रित किया। डॉक्टर राजेंद्र पटोरिया अपनी किताब 'नेताजी सुभाष' में लिखते हैं, "4 जुलाई 1943 को सिंगापुर के कैथे भवन में एक समारोह में रासबिहारी बोस ने आज़ाद हिंद फ़ौज की कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हाथों में सौंप दी।" इसके बाद सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद हिंद के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई जिसे जर्मनी, जापान, फिलिपींस, कोरिया, चीन, इटली, आयरलैंड समेत नौ देशों ने मान्यता भी दिया था।
नेताजी की आजाद हिंद सरकार का अपना अलग बैंक भी था। 1943 में बने आजाद हिंद बैंक ने 10 रुपए के सिक्के से एक लाख रुपए तक के नोट जारी किए थे। सबसे बड़ी उपलब्धि ये थी कि इन्होंने जापान की मदद से अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह को स्वाधीन भूमि के रूप में प्राप्त किया। आजाद हिन्द सरकार ने नेताजी के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फ़ौज को बेहद शक्तिशाली बना दिया। फ़ौज को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करने की दिशा में जन, धन और उपकरण जुटाए। इतना ही नहीं आजाद हिंद सरकार के पास अपना डाक टिकट और अपना गुप्तचर तंत्र भी था। नेताजी ने आजाद हिन्द फौज में महिला रेजिमेंट की स्थापना की जिसका नाम था "रानी झांसी रेजिमेंट" जिसकी कमान कैप्टन लक्ष्मी सहगल के हाथो में थी। लोग आज के जमाने में महिला सशक्तीकरण की बात करते है नेताजी के आजाद हिन्द सरकार ने इसको साबित किया। । नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि आज़ादी की इच्छा हर भारतीय के दिल में उठे तो भारत को स्वतंत्र होने से कोई रोक नहीं सकेगा। इसके लिए उन्होंने अपने लेखों, भाषणों में लिखना-बोलना शुरू किया। उन्होंने 'फॉरवर्ड' नाम से पत्रिका के साथ ही आज़ाद हिंद रेडियो की स्थापना की और जनमत बनाया। नेताजी की आजाद हिन्द फौज ने आखिर सांस तक लड़ाई लड़ी। तृतीय विश्व युद्ध में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी में 6 और 9 अगस्त को परमाणु बम से हमला कियाा गया जिसके बाद जापान नेेे सरेंडर दिय। अंग्रेजी फौज को कोहिमा और इंफाल के मोर्चे पर कई बार आजाद हिंद फौज ने धूल चटाई। जापानियों के सरेंडर ने सब कुछ बिगाड़ कर रख दीया था। बेहद कठिन परिस्थितियों में आजाद हिंद फौज के सैनिकों ने आत्मसर्पण कर दिया और उसके बाद लाल किले में इनके ऊपर मुकदमा चलाया गया। जब यह मुक़दमा चल रहा था तो पूरा भारत भड़क उठा और जिस भारतीय सेना के बल पर अंग्रेज़ राज कर रहे थे, वे विद्रोह पर उतर आए। नौसैनिक विद्रोह ने ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में अंतिम कील जड़ दी। अंग्रेज़ अच्छी तरह समझ गए कि राजनीति व कूटनीति के बल पर राज्य करना मुश्किल हो जाएगा।उन्हें भारत को स्वाधीन करने की घोषणा करनी पड़ी। ऐसे बहुत से किस्से पड़े हुए है नेताजी के आजाद हिन्द सरकार और उसकी फौज की। बाकी नेेेेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है।
जय हिन्द
शानदार लेख।
ReplyDeleteजय हिन्द!
धन्यवाद शैलेश जी।
Deleteजय हिन्द!
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ही देश के आजादी के असली नायक है। आजाद हिन्द सरकार जिंदाबाद। आजाद हिन्द फौज के सिपाहियों का बलिदान कभी नहीं भुलेगा हिंदुस्तान! जय हिन्द
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार रजत जी।
Deleteजय हिन्द
बहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने।
ReplyDeleteधन्यवाद शांतनु जी।
Deleteसादर नमस्कार,
ReplyDeleteआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 23-10-2020) को "मैं जब दूर चला जाऊँगा" (चर्चा अंक- 3863 ) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है.
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"मीना भारद्वाज"
जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय मीना जी "मैं जब दूर चला जाऊँगा" (चर्चा अंक- 3863 ) पर मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिए🌻🙏
Deleteबढ़िया लेख
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद सधु जी।
DeleteJai hind ..
ReplyDeleteजय हिन्द।
DeleteJai hind..
ReplyDeleteजय हिन्द।🇮🇳
Deleteजय हिन्द।🇮🇳
ReplyDeleteजय हिन्द।🇮🇳
DeleteNice article..
ReplyDeleteJAI HIND!
जी आपका धन्यवाद..
Deleteजय हिन्द।
ऊर्जावान शेली
ReplyDeleteबढ़िया आलेख
जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteबहुत अच्छा आलेख.
ReplyDeleteजी आपका बहुत बहुत आभार। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteसुंदर और बेहतरीन लेख। बिल्कुल ऊर्जा से भर देना वाला।
ReplyDeleteजय हिन्द।
शुक्रिया मित्र।
ReplyDeleteजय हिन्द।