लेखक:- शिवम कुमार पाण्डेय
गला फाड़ - फाड़ कर ये लोग भारत को भारत में ही गाली दे रहे है और नागरिक भी भारत के फिर भी तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग कहता है यहां अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं है ! कितना शर्मनाक है जब सरकार ऐसे लोगो पर कार्यवाही करती है पूरा विपक्ष इकट्ठा हो जाता है इनका बचाव करने के लिए। संसद में बवाल खड़ा कर दिया जाता है मानो संसद पर हुआ आतंकवादी हमला किसी को याद ही नहीं। अरे याद तो सबकुछ रहता है तभी तो आतंकियों की बरसी मनाई जाती है इन तथाकथित लोगो द्वारा।
कश्मीर अगर धरती का स्वर्ग बताया जाता है पर इस्लामिक आतंकियों और जिहादियों ने जो तबाही मचाई है यहां उसका जिक्र कर दिया जाय तमाम बुद्धिजीवियों सेक्युलर पत्रकारों और नेताओं को मिर्ची लग जाती हैं। वो आपको सांप्रदायिक बताते हुए कट्टर , जाहिल ,अनपढ़ मूर्ख और धार्मिक हिंसा का समर्थक की संज्ञा देने लग जाएंगे। एक पत्रकार ऐसा भी है देश में जो आपको अंधभक्त और फट्टू संघी भी बोलेगा। पर तिरंगा विरोधी बयानों पर चुप बैठ जाते है सब के सब मानो तिरंगा तो बस तीन रंगों में रंगा हुआ मामूली सा कपड़ा है। हर मुद्दे को लेकर खुद को देश की आवाज़ कहने वाले तथाकथित सेक्युलर लिबरल बुद्धिजीवी न जाने कहां खो जाते है जब देश कि इज्जत से कोई खिलवाड़ करने कि कोशिश करता है। खैर देश कि जनता समझदार है इन लोगो के बहकावे मे आने वाली नहीं है। सरकार और सुप्रीम कोर्ट को भी चाहिए ऐसे लोगो के राजनीतिक पार्टी और इनके ऊपर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दे बाकी सब अपने आप ठीक हो जाएगा ।
आखिर कब तक ऐसे गद्दारों को खुली हवा में सांस लेने के लिए छोड़ा जाए? बात देश के सम्मान की है कोई भी ऐरा- गैरा कुछ भी कह के आसानी नहीं बच सकता है। बात साफ है अगर इस देश मे अगर किसी सांसद या मुख्यमंत्री तो "तू" कहना अपमानजनक हो सकता है फिर तिरंगा तो देश कि जान है जिसके खातिर हिमालय की चोटियों पर हजारों वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी है। ये वही तिरंगा है जिसे सैनिक फहरा के आता है या इसमें लिपट कर।
शानदार लेख
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद ओमी जी।
Deleteदोबारा 370 की बहाली देशद्रोह से कम न होगा, जो भी ये दुःसाहस करेगा उसका अस्तित्व समाप्त होगा, आज का हिन्दू युवा
ReplyDeleteनव जागरण की ओर बढ़ रहा है देश हित में जो भी अवरोध बनेगा वो समूल ख़त्म होगा, यही वक़्त है हिन्दुओं को एक छत्र हो कर आने वाली पीढ़ियों के लिए उनका वासभूमि सुरक्षित रखना, सम्प्रति क़ानून कश्मीर में जगह खरीदने का अधिकार प्रदान कर रही है जो धर्मीय संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण क़दम है । आपकी लेखनी प्रभावशाली है शुभकामनाओं सह ।
जी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार। आने वाले समय में भारत एक अखण्ड हिन्दू राष्ट्र होगा और विरोधो के सागर में चट्टान है हम, जो टकराएंगे मौत अपनी मरेंगे।
Deleteबहुत बढ़िया👌
ReplyDeleteइन देशद्रोहियों को जड़ से समाप्त करने कि सख्त जरूरत है।
शुक्रिया शैलेश जी।
Deleteबिल्कुल सत्य एवं सटीक लेख। जो भी तिरंगे को झुकाने की कोशिश कर रहा है उसका मस्तक धड़ से अलग करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखानी चाहिए।
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद रजत जी। बिल्कुल सही कहा आपने उसी दिशा कदम बढ़ाते हुए सरकार ने सेना को खुली छूट दे रखी है।
Deleteबेहतरीन लेख।
ReplyDeleteशुक्रिया जियो।
Deleteवाह मेरे भाई बहुत खूब लिखा है ❤️💐
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई।❤️
Deleteलाजवाब अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteशुक्रिया शांतनु जी।
DeleteNice
ReplyDeleteजी धन्यवाद आपका।
Deleteअदभुत लिखा है आपने ये कड़वा सच है , गदरो की संख्या बढ़ चुकी है उनके मन में गलत करने पर सज़ा का कौफ बढ़ाना पड़ेगा ।
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार सिद्धार्थ जी।।
Deleteसोच और लेख दोनो एक से बढ़कर एक बेहतरीन
ReplyDeleteजय हिंद🇮🇳
शुक्रिया भाई।
Deleteजय हिन्द🇮🇳
शिवम, पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ। बहुत सुंदर और सटीक लेखन सामयिक विषय पर। राष्ट्रवाद के भाव से लेखन करना बहुत ही सुंदर बात है।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आ क्र मेरी रचना पढ़ने के लिए आभार, मुझे इस बात की विशेष ख़ुशी है की मेरी तरह एक विद्यार्थी मेरे ब्लॉग पर आया। किस कक्षा में हो आप ?
आपका बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद। जी मै बीए, अर्थशास्त्र(तृतीय वर्ष) काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का छात्र हूं।
Deleteस्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
सुंदर लेख
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteओजस्वी लेखन। साधुवाद।
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी।स्वागत है आपका राष्ट्राचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteशुभ प्रभात।
"Feelings do you credit but sometimes they do land up in troublesome tides."
ReplyDeleteThese words are true for coward and dastard politicians of Kashmir are actually Jihaadis who play with the sentiments of the Kashmiris just for the narrow political designs. They do not understand the fact the Kashmir and Kashmiri culture has its roots from India and Indian Civilisation, which always unites us, no matter how much the try to divide. This blog highlights the fact for the same and henceforth I congratulate the writer for this.
आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार गौरव जी।
Deleteवहीं तो गौरव जी इन जिहादी कट्टरपंथियों ने खुद के बच्चो को विदेश भेज दिया शिक्षा लेने के लिए और मासूम कश्मीरियों के बच्चो के हाथो मे पत्थर और हथियार थमा दिया कि जाओ जिहाद करो तुम्हें जन्नत नसीब होगी। खैर इनका ये चोचला अब नहीं चलेगा चाहे कितना मुह से बक ले...
इन संकीर्ण मानसिकता वालो को क्या मालूम संस्कृति और सभ्यता क्या होती है..
लाजवाब अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteक्या खूब लिखा है...
बखिया उधेड़ दिया अलगाववाद की...
शुक्रिया कृष्णा जी।
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteजी आपका बहुत धन्यवाद एवं आभार आदरणीय गगन जी। स्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
Deleteआपके ब्लॉग पर सभी लेख राष्ट्रवाद से ओत प्रोत है। बिल्कुल राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित। बेहतरीन इसी तरह लिखते रहिए..!
ReplyDeleteआपका बहुत धन्यवाद एवं आभार हरी जी प्रोत्साहन हेतु।
Deleteस्वागत है आपका राष्ट्रचिंतक ब्लॉग पर।
बहुत अच्छा लेख .. जय हिंद ।।
ReplyDeleteशुक्रिया भाई।
Deleteजय हिन्द।🇮🇳
Nice Post Good Informatio ( Chek Out )
ReplyDelete👉 मेघनाथ किसका अवतार था
👉 मेघनाथ किसका अवतार था? मेघनाथ के बारे में रोचक जानकारी