मैंने बोला, सीने में सांस रहेगी जब तक।
तब तक तारीफ करूंगा मै अपने देश की।
फिर उसने पूछा कब तक रखोगे राष्ट्रवाद की भावना अपने दिल दिल में?
मैंने बोला, जबतक सूरज उगेगा नील गगन में।
तब तक राष्ट्रवाद कि भावना रहेगी मेरे दिल में।।
किसी दूसरे ने पूछा, क्या तुम खुश हो इस देश में जीवन पाकर?
मैंने बोला,जैसे एक बच्चे को खुशी हुई है अपने मां को पाकर।
आखिरी प्रश्न उठा क्या तुम्हारी तमन्ना है?
मैंने उत्तर दिया,अब अपने देश के लिए कुछ कर गुजरना है।
हर जीवन में अपने भारत देश में ही जन्म लेना है।।
No comments:
Post a Comment