आम जामुन का पेड़
कभी खेतो का मेढ़
सबकुछ याद आता है
कुछ भुला बिसरा हुआ
धुंधली धुंधली हुई यादे
वो मित्रो के कसमें वादे
माटी का बना खिलौना
वो गोली - लट्टू नचौना
शाम की क्रिकेट विकेट
रेलवे का एल्बम टिकेट
कभी गिल्ली और डंडा
वो कॉमिक्स का फंडा
सबकुछ याद आता है..
और याद याद रह जाता है।।
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