Thursday, May 21, 2020

सिपाही

वो सूरज उगने से पहले जगता था
वो सुबह सुबह  दौड़ता खेलता था।
कॉलेज जाके  मन से पढ़ना भी था
फिर शाम शरीर को रगड़ना भी था।।
क्योंकि जितना रगड़ा उतना तगड़ा।
मेहनत उसकी एक दिन रंग लाई
मां की आंखे खुशी से भर आईं..
बेटा जो बन गया उसका सिपाही।।


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