एक कविता मैंने लिखी थी बहुत साल पहले जिसको आप लोगो के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं जिसका शीर्षक है "भारत माता का मुकुट है कश्मीर"
भारत माता का मुकुट है कश्मीर
जो भी इसकी मांग करेगा मै उसको दूंगा चीर।।
स्वर्ग से भी सुंदर है हमारा कश्मीर
इसकी रक्षा करने के लिए शरहदो पर
सीना तान के खड़े भारत माता के वीर।।
बुरी नजर से ना देखो इसे
भारत माता का मुकुट है कश्मीर।
सपनो में भी ऐसी हरकत मत करना
वरना आंखो में घुसा दूंगा तीर।।
इस काश्मीर के लिए बहुत कुछ सहते है
भारत माता के वीर।
गिदड़ो से पत्थर भी खाते है वीर
शरहदो पर गोलियां भी अपने सीने पर
हंसते झेल लेते भारत माता के वीर।।
भारत देश की भूमि का टुकड़ा नहीं है
जो कोई भी आसानी से अलग कर दे
भारत से कश्मीर।।
भारत माता का मुकुट है कश्मीर
जो भी इसकी मांग करेगा मै उसको दूंगा चीर।।
हमे हमारे जान से भी ज्यादा प्यारा है कश्मीर
इसके लिए शहीद हो गए हजारों अनेकों वीर।
ऐसे कैसे ले लोगों तुम कश्मीर,नहीं है ये कोई
किसी के बाप की जागीर।।
भारत माता का है सम्मान
जो करेगा इसका अपमान
मै ले लूंगा उसकी जान।
छाती ठोक कहता है ये बात हर वीर
जो मांगेगा काश्मीर मै दूंगा उसको चीर।।
भारत माता का मुकुट है कश्मीर...
जय हिन्द जय भारत
वंदेमातरम्
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