तब डॉलर बोला - नहीं ऐसी कोई बात नहीं है । उ सवेरे घर निकल जाता है तो शाम को या तो अन्हरिया में ही मिलेगा। बड़ा चंठ होय गया है सारा दिन गोली/ कंचा , क्रिकेट में लगा रहता है। पढ़ाई लिखाई में तो ध्यान रहता नहीं है बस दीनवा भर घूमता रहता है।
खैर मुझे पता है जब मै पिछले साल पईसा से मिला था तो उसकी गणित अपने दोनो बड़े भाईयो से तेज था और अभी भी है। शरारती बड़ा है पेड़ पे तो ऐसे चढ़ जाता है मानो गिलहरी सर्रर दे गुजर गई पता भी ना चला। एकदम सुबह उससे मुलाकात हुई हालचाल पूछा तो बोला ," एकदम मस्त है" हाथ में बिस्कुट और टोस्ट लेके जा रहा था लगता है अभी दुकान से ही आ रहा है। उसने मुझसे पूछा - चाय नाश्ता हो गया क्या भैया?
मै बोला - नाश्ता तो नहीं पर चाय जरूर पी लिया हूं।
उसके बाद बोला चलिए ठीक है साइकिल से था तेजी में निकल गया कहीं उसकी चाय न ठंडी हो जाय। तेज हवा चल रही थी अचानक से एका एक मौसम ने रुख बदल बदल लिया घनघोर बादल छाए हुए थे और मै भी जल्दी से घर की तरफ निकल लिया। खूब तेजी से वर्षा होने लगी इस बार धान के खेती में लगभग सभी लोगों ने जोर दिया है। इस झमाझम बारिश की ही तो बस दरकार थी बस खेतो में जम के पानी लग जाय और का चाहिए। चलो आज तो मज़ा आ जाएगा गरमा गरम पकौड़ी खाने को मिलेगी घर पे इस बरसात में।
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